आरयू वेब टीम। देश में कहर बरपा रहा कोरोना वायरस वरिष्ठ नेताओं की भी जान ले रहा है। इसी क्रम में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव सातव की रविवार को कोरोना से मौत हो गई है। 23 दिनों से राजीव वेंटिलेटर पर थे। पुणे के जहांगीर अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था, जहां आज तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले राजीव सातव 22 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। कोरोना के हल्के लक्षण पाए जाने के बाद उन्होंने अपनी जांच करवाई तो कोरोना संक्रमण का पता चला।
सांसद की मौत पर राहुल गांधी ने कहा है कि मुझे अपने दोस्त राजीव सातव के खोने का बहुत दुख है। वह विशाल क्षमता वाले नेता थे जिन्होंने कांग्रेस के आदर्शों को मूर्त रूप दिया। यह हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना और प्यार।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा, ”निशब्द! आज एक ऐसा साथी खो दिया जिसने सार्वजनिक जीवन का पहला कदम युवा कांग्रेस में मेरे साथ रखा और आज तक साथ चले पर आज… राजीव सातव की सादगी, बेबाक मुस्कराहट, ज़मीनी जुड़ाव, नेत्रत्व और पार्टी से निष्ठा और दोस्ती सदा याद आयेंगी। अलविदा मेरे दोस्त! जहां रहो, चमकते रहो!”
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शनिवार को जानकारी दी थी कि राजीव सातव को कोरोना के बाद एक नए वायरस का संक्रमण हो गया है। इससे पहले वे धीरे-धीरे कोरोना से ठीक हो रहे थे, लेकिन फिर उनका स्वास्थ्य दोबारा खराब हो गया और उनकी हालत नाजुक होती चली गई।
यह भी पढ़ें- यूपी के एक और भाजपा विधायक की लखनऊ में हुई कोरोना से मौत
राजीव सातव कांग्रेस के एक जुझारू और प्रबुद्ध नेता थे। वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के गुजरात प्रभारी थे। कांग्रेस की कार्यकारी समिति के निमंत्रक थे। संसद में उनकी उपस्थिति 81 प्रतिशत थी जो एक उल्लेखनीय बात थी। वे 2010 से 2014 तक भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। उन्हें चार बार ‘संसद रत्न’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया था।
पिछले साल उन्हें कांग्रेस की ओर से राज्यसभा का सदस्य चुना गया। मनरेगा, अकाल, रेलवे से जुड़े कई मुद्दों सहित उन्होंने संसद में 1075 सवाल उठाए थे और 205 वाद-विवाद में भाग लिया था। 2014 में वे हिंगोली से लोकसभा का चुनाव जीते थे।