आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लंबे समय से आधिकारों के लिए संघर्ष कर रहें शिक्षा मित्रों ने अपने आंदोलन की नई रूप रेखा तैयार कर ली है। समायोजन रद होने से नाराज चल रहे शिक्षामित्र सोमवार से राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान में समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन शुरू करने जा रहे है। शिक्षामित्रों के इस आंदोलन में प्रदेश भर से हजारों लोगों के जुटने की उम्मीद है। वहीं रविवार की शाम से ही बड़ी संख्या में शिक्षामित्र विभिन्न जिलों से राजधानी पहुंचना शुरू हो गए हैं।
जहां योगी सरकार से मोर्चा लेने के लिए शिक्षामित्रों को दो बड़े गुट आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन और उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने साझा संघर्ष मोर्चा बनाया है। वहीं शिक्षामित्रों का साथ देने उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ, कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति, भारतीय किसान यूनियन ने भी घोषणा कर दी हैं। इन सबके बाद माना जा रहा है कि अब राजधानी में शिक्षामित्र काफी मजबूती से अपनी बात योगी सरकार से मनवाने में कामयाब हो जाएंगे।
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बताते चलें कि शिक्षामित्र काफी समय से सरकार से मांग कर रही है कि संशोधित अध्यादेश लाकर उन्हें फिर से सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाए। इसके अलावा तब तक समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत पर उन्हें शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाए।
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वहीं आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने मीडिया को बताया कि सोमवार को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद सत्याग्रह शुरू होगा। शिक्षामित्रों के नेता गाजी इमाम आला और शाही ने कहा कि शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। शिक्षामित्रों की मांगें न मानने के लिए उन्होंने सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद शिक्षामित्रों ने अपना आंदोलन 15 दिनों के लिए स्थगित कर दिया लेकिन, सरकार ने इस बीच समस्या का हल निकालने की जगह शिक्षामित्रों पर दस हजार रुपये मासिक मानदेय स्वीकार करने का दबाव बनाया जो किसी भी नजरिए से ठीक नहीं है। हम अपना हक मांग रहें है जो लेकर ही रहेंगे।