काकोरी में डकैतों का धावा, युवक की दिलेरी से भागे बदमाश

काकोरी
डकैतों के हमले से घायल युवक।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। गोमतीनगर समेत राजधानी के विभिन्‍ना थाना क्षेत्र में हाल के महीनों में पड़ी करीब आधा दर्जन डकैतियों का राजधानी पुलिस खुलासा भी नहीं कर सकी थी कि एक बार फिर डकैतों ने राजधानी में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए पुलिस को चुनौती दे डाली। बीती रात असलहे से लैस करीब आधा दर्जन बदमाशों ने काकोरी इलाके में डाका डाल दिया। इस दौरान विरोध करने पर डकैतों ने परिवार के लोगों को मारपीटकर घायल कर दिया।

कुशमौरा गांव के शंभू लाल पाल ने मीडिया को बताया कि शनिवार रात वह उनकी पत्नी गुड़िया भाई सुशील व भाई की पत्नी गुड़िया घर के पहली मंजिल के बरामदे में सोए हुए थे। जबकि उनका सबसे छोटा भाई राजन छत पर सोया था। रात करीब एक बजे दीवार फांदकर घर में करीब आधा दर्जन बदमाश घुस आए।

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जिसके बाद बदमाशों ने शंभू को गन प्‍वांइट पर लेकर आलमारियों की चाभी मांगना शुरू कर दिया। विरोध करने पर डकैतों ने उसकी पिटाई करने के साथ ही वहीं पर सो रहे महिलाओं व सुशील का हाथ-पैर बांधकर बंधक बना लिया।

बदमाश घर में कीमती सामान तलाश ही रहे थे कि आहट लगने पर छत पर सो रहा राजन नीचे ऊतर आया। राजन को आता देख हड़बड़ाए बदमाशों तमंचे की बट से सिर पर वारकर उसे घायल कर दिया। इसके बाद बदमाशों ने उसे भी बंधक बनाना चाहा, हालांकि राजन बहादुरी दिखाते हुए घर के बाहर निकलने में कामयाब हो गया। जिसके बाद उसने शोर मचाकर गांववालों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया। पकड़े जाने के डर से डकैत भी मौके से भाग निकले। पीडि़तों ने बताया कि समय नहीं मिलने की वजह से डकैत जाते-जाते खूंटी पर टंगे कुछ कपड़ें ही ले जा सके। जिनकी जेब में मात्र 1600 रुपए नकद थे।

थानेदार ने तो डकैती से ही किया इंकार

अपनी कारस्‍तानियों को लेकर चर्चा में रहने वाले काकोरी थाना प्रभारी यशकांत सिंह ने डकैती की बात से इंकार करते हुए मामले को मारपीट से जुड़ा बताया। हालांकि थानेदार यह नहीं बता सके की हमला करने वाले लोग कौन थे। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रात में डकैती की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को सौ नंबर पर दी गई थी। जिसपर यशकांत सिंह भी मौके पर पहुंचे थे, लेकिन डकैती जैसे गंभीर मामले में फौरन कार्रवाई करने की जगह वह सुबह कोतवाली आकर पीडि़तों को तहरीर देने की नसीहत देकर चलते बने।

गांववालों का कहना था कि अगर पुलिस तुरंत एक्‍शन लेती तो हो सकता था कि डकैत पकड़े जाते। नहीं तो पुलिस की लापरवाही के चलते डकैत किसी दूसरे घर को भी निशाना बना सकते थे।

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