आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के टेंडरों में मनमानी का मुद्दा ‘राजधानी अपडेट’ द्वारा उठाए जाने के बाद लखनऊ कमिश्नर व एलडीए अध्यक्ष डॉ. रोशन जैकब ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से जुड़े विभाग की छवि निखारने के लिए गंभीरता दिखाई है। कमिश्नर ने दूसरे शनिवार की छुट्टी होने के बावजूद आज अफसर-इंजीनियरों के साथ एलडीए में बैठक कर जरूरी निर्देश दिए हैं।
कमिश्नर ने टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी रोकने व समय से टेंडर कराने के लिए स्पेशल सेल गठित करने के लिए एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी को निर्देश दिए हैं। संभवता: यह पहला मौका है जब कोई सेल एलडीए के टेंडर की प्रक्रिया पर नजर रखेगी।
रोशन जैकब ने स्वच्छ छवि वाले टेंडर के विशेषज्ञों को स्पेशल सेल में रखने का निर्देश देते हुए कहा है कि टेंडर के तकनीकि मूल्यांकन समेत अन्य उनके काम निर्धारित समय में ही नियमों को ध्यान में रखते हुए कराएं।
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इसके अलावा आज कमिश्नर ने अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए, हालांकि साफ व सख्त छवि वाली कमिश्नर की चेतावनी का टेंडर मैनेज कराने वालों पर कितना असर होगा यह आने वाले समय में ही स्पष्ट हो पाएगा।
बताते चलें कि एक दिन पहने यानि सात अक्टूबर को ही हमने “ई-टेंडर से बचने को LDA के इंजीनियर अपना रहें “टुकड़ों में टेंडर” वाला पैंतरा, जानें 50 लाख के काम के कैसे कर डाले छह हिस्से, मामला खुलने पर एक-दूसरे पर डाल रहें जिम्मेदारी” शीर्षक से न्यूज पोस्ट करते हुए नियमों को तोड़-मरोड़कर एलडीए में चल रहे टेंडर कराने में मनमानी व विभाग को आर्थिक चोट पहुंचाने वाला खेल उजागर किया था।
जिसके बाद आज कमिश्नर ने लंबे समय से विवादों को लेकर चल रही एलडीए की टेंडर प्रक्रिया में परदर्शिता, ईमानदारी और समय से इसे पूरा कराने के लिए स्पेशल सेल के गठन का निर्देश जारी किया है।
टेंडर में देर होने पर भी सेल देगी ध्यान
वहीं स्पेशल सेल विकास कार्य कराने की अफसरों से मंजूरी मिलने के बाद भी उसका टेंडर कराने की प्रक्रिया में होने वाली देर पर भी खास ध्यान रखेगी। सेल यह भी देखेगी की कहीं टेंडर मैनेज करने के लिए फाइल को कोई इंजीनियर जान-बूझकर तो नहीं लटका रहा।
दो जेई एक एई फिलहाल तैनात
उल्लेखनीय है कि कई साल से दो जूनियर इंजीनियर (टेक्निकल) चीफ इंजीनियर कार्यालय में टेंडर के तकनीकी बिंदुओं की जांच के लिए तैनात थे, इसके बाद भी देर होने की शिकायत पर कुछ महीना पहले एई (तकनीकी) आरपी सिंह सिसोदियों को दोनों इंजीनियरिंग की मॉनिटरिंग और टेंडरों की तकनीकी जांच के लिए तैनात किया गया, लेकिन इसके बाद भी हालात नहीं सुधरे।
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इस बीच सिजी सिटी में चर्चित “मियावाकी पार्क” बनाने के नाम पर करीब चार करोड़ का टेंडर करा दिया गया। वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने इसमें खुद गड़बड़ी पकड़ते हुए, काम से करीब दस गुना ज्यादा इस्टीमेट बनाने के मामले में सहायक उद्यान अधिकारी व जेई पर कार्रवाई भी की थी। वहीं ई-टेंडर की जगह समान्य निविदा कराने के दौरान जोन चार के एक टेंडर को लेकर चीफ इंजीनियर कार्यालय में ठेकेदारों में मारपीट भी हो चुकी है।
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विकास कार्यो के लिए भी गठित होगी सेल
वहीं बैठक में आज प्रधानमंत्री आवास समेत अन्य योजनाओं की देर पर भी कमिश्नर ने नाराजगी जाहिर की। कमिश्नर ने कहा कि विकास कार्यों की गति धीमी बिल्कुल नहीं होने चाहिए। इसकी देखरेख के लिए भी विशेषज्ञों की एक स्पेशल सेल बनाई जाए। यह सेल इस बात का खास ध्यान रखेगी कि काम में देर नहीं होना चाहिए।
फरवरी तक बनवा दें प्रधानमंत्री आवास, लापरवाही पर कार्रवाई
पीएमएवाई पर विशेष जोर देते हुए रोशन जैकब ने बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री आवासों का काम हर हाल में अगामी फरवरी तक पूरा कर लिया जाए। काम में लापरवाही बरतने वाली निर्माणकर्ता फर्म के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस क्रम में ठेकेदार व उन्हें आवंटित कामों की सूची बना लें, जिससे कि समीक्षा में यह पता चल सके कि किन फर्मों का काम लंबित है।
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कमिश्नर ने इंजीनियरों को निर्देशित किया कि जो भी कार्य प्रचलित हैं, उनमें गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए तथा कार्यों को प्रस्तावित समय तक पूर्ण करा लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्लानिंग और इंजीनियरिंग के कामों को सही से कराने के लिए अच्छे कसंलटेंट्स की आवश्यकता है, इसके लिए कंसलटेंट का पैनल गठित करा लें।
सोशल मीडिया पर कराएं कॉमर्शियल प्रापर्टी का प्रचार
इसके अलावा कमिश्नर ने एलडीए की कॉमर्शियल प्रापर्टी की निलामी के बारे में अधिकारियों से कहा कि एक बार फिर से अलग-अलग स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक करें। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी संपत्तियों का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराएं।
बैठक में कमिश्नर व वीसी के अलावा अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, विशेष कार्याधिकारी अमित राठौर, अधीक्षण अभियंता अजय कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता अवनीन्द्र कुमार सिंह, मनोज सागर, केके बंसला, पीआईयू के सदस्य एके सिंह सेंगर व तहसीलदार शशिभूषण पाठक समेत अन्य अधिकारी व इंजीनियर मौजूद रहें।