मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी रद्द, छुट्टी के दिन सचिवालय खोलकर किया आदेश जारी

यूपी विधानसभा

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानसभा सचिवालय ने रविवार को मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म कर दी है। उनकी मऊ विधानसभा सीट को खाली घोषित कर दिया। हालांकि सजा सुनाने के बाद बॉन्ड भरवाकर जमानत दे दी गई थी। कोर्ट का आदेश जारी होने के 24 घंटे के भीतर मऊ से लखनऊ फाइल पहुंची, फिर रविवार के दिन विधानसभा सचिवालय खोला गया।

विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने अब्बास अंसारी की सदस्यता समाप्त कर सीट को रिक्त घोषित करने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी को उपचुनाव कराने का प्रस्ताव भी भेज दिया।

तो बच जाती विधायकी

सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार का प्रयास रहेगा कि बिहार चुनाव से पहले मऊ में उपचुनाव कराया जा सके। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है- अगर अब्बास सोमवार को हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर सजा पर स्टे प्राप्त कर लेता तो सीट रिक्त घोषित नहीं की जा सकती थी। लिहाजा सरकार ने भी अपनी ताकत दिखाते हुए छुट्‌टी के दिन ही आदेश जारी कर दिया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब्बास सपा के समर्थन से सुभासपा के टिकट पर विधायक बने थें। अब्बास को सपा का ही विधायक माना जाता था। विपक्षी दल से होने के कारण सरकार ने उसकी सदस्यता समाप्त करने और सीट को रिक्त घोषित करने का आदेश रविवार को ही जारी करा दिया, ताकि अगर अब्बास हाई कोर्ट में अपील करते भी है, तो भी उन्‍हें राहत मिलने की संभावना न रहे।

अगर अब्बास सोमवार को हाई कोर्ट में अपील दाखिल कर सजा पर स्टे प्राप्त कर लेते, तो सीट रिक्त घोषित नहीं हो पाती। लिहाजा सरकार ने रविवार को ही विधानसभा सचिवालय खुलवाया और सीट रिक्त घोषित करने का आदेश जारी कर दिया।

यह भी पढ़ें- हेट स्पीच केस में कोर्ट ने अब्बास अंसारी को सुनाई दो साल की सजा

भारत निर्वाचन आयोग एक सीट पर उपचुनाव कराने के लिए भी कार्यक्रम जारी कर सकता है। आयोग को अगर उचित लगा तो एक-दो दिन में ही उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित किया जा सकता है। यूपी में मऊ एकमात्र ऐसा जिला होगा, जहां पांच साल में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। इससे पहले घोसी सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें भाजपा हार गई थी।

यह भी पढ़ें- गैंगस्टर एक्ट में विधायक अब्बास अंसारी को मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी सशर्त जमानत