मनी लॉन्ड्रिंग केस में बाहुबली मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने इन शर्तों के साथ दस दिन की ED कस्टडी में भेजा

मुख्तार अंसारी
कोर्ट से बाहर निकलते मुख्तार अंसारी।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय को पूर्व बाहुबली मुख्तार अंसारी की रिमांड मिल गई है। ईडी को बुधवार को मुख्तार अंसारी की दस दिन की रिमांड मिली है। 23 दिसंबर दोपहर दो बजे तक मुख्तार अंसारी ईडी की रिमांड में रहेगा। प्रयागराज की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को रिमांड की मंजूरी दी है। कस्टडी रिमांड में लेने से पहले मुख्तार अंसारी का मेडिकल कराना होगा।

कोर्ट ने कहा है कि मुख्तार अंसारी को टॉर्चर न किया जाए और उसे अपने वकील से मिलने की भी छूट रहेगी। कोर्ट ने मुख्तार के चार वकीलों के पैनल को रोजाना आधे घंटे मिलने की मोहलत दी है। वकील सिर्फ कानूनी राय के लिए ही मुख्तार से मिल सकेंगे, लेकिन मुख्तार के वकील ईडी के काम में किसी तरह से दखल नहीं देंगे। कस्टडी के दौरान ईडी को मुख्तार के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तर किया था। ईडी के वकीलों ने 14 दिन की कस्टडी रिमांड मांगी थी, लेकिन सेशन जज संतोष कुमार राय ने दस दिन की ही कस्टडी रिमांड मंजूर की है। दस दिन में ईडी अपने दफ्तर में रखकर मुख्तार अंसारी से पूछताछ करेगी।

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वहीं मुख्तार अंसारी को ईडी लेकर मऊ और गाजीपुर भी जा सकती है। मार्च 2021 में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया। नवंबर 2021 में बांदा जेल में मुख्तार अंसारी से ईडी पूछताछ कर चुकी है। इस मामले में मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी और साला सरजील रजा पहले से जेल में बंद है।

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