आबू धाबी एयरपोर्ट के पास ड्रोन हमले के बाद लगी आग, दो भारतीयों समेत तीन की मौत, छह घायल

अबू धाबी

आरयू इंटरनेशनल डेस्क। संयुक्त अरब अमीरात के लिए आज का दिन धमाकों से भरा रहा, जिसमें देश के एक मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को निशाना बनाया गया। यूएई की राजधानी अबू धाबी के मुख्य एयरपोर्ट पर सोमवार को आग लग गई और तीन ईंधन टैकरों में विस्फोट हो गया। इसमें दो भारतीय नागरिकों समेत तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। अबू धाबी पुलिस ने इसके लिए ड्रोन हमले को जिम्मेदार ठहराया है। यह यूएई के लक्ष्यों के खिलाफ एक बेहद असामान्य हमला प्रतीत होता है।

अबू धाबी पुलिस ने संदिग्ध हमले के पीछे अभी किसी पर संदेह नहीं जताया है, लेकिन यमन के हूती विद्रोहियों ने संयुक्त अरब अमीरात पर निशाना साधने के लिए हमला करने की जिम्मेदारी ली है। ईरान समर्थित हूतियों ने पहले भी अनेक हमलों को अंजाम दिये जाने का दावा किया है, जिन्हें बाद में अमीरात के अधिकारियों ने खारिज कर दिया।

अबू धाबी पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में छोटी-छोटी उड़ने वाली वस्तुओं के दोनों इलाकों में गिरने का पता चला है, जो संभवत: ड्रोन से संबंधित हो सकती हैं। इनसे विस्फोट और आग की घटना को अंजाम दिया गया हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। पुलिस ने इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी। यूएई 2015 की शुरुआत से ही यमन में संघर्ष कर रहा है।

यमन में अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त सरकार को सत्ता से बेदखल किये जाने के बाद ईरान समर्थित हूतियों के खिलाफ हमला छेड़ने वाले सऊदी नीत गठबंधन में यूएई अहम सदस्य था। यूएई ने यमन में अपने सैनिकों की संख्या कम कर दी है, लेकिन वह संघर्ष में सक्रियता से शामिल है और हूतियों से लड़ रहे प्रमुख मिलीशिया का समर्थन करता है। वह यमन में आतंकवाद निरोधक अभियानों में अमेरिका के साथ भी सहयोग कर रहा है।

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पिछले कुछ सप्ताह में हूती विद्रोही दबाव में आ गये हैं और भारी नुकसान उठा रहे हैं, जहां यूएई समर्थित यमन के बलों ने देश के प्रमुख दक्षिणी और मध्य प्रांतों में विद्रोही समूहों को खदेड़ दिया है। यह घटना ऐसे समय में घटी है जब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ-इन यूएई के दौरे पर हैं।

संयुक्त अरब अमीरात के प्रधानमंत्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के साथ मून की मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने यूएई को सतह से हवा में प्रहार करने वाली मध्यम दूरी की दक्षिण कोरियाई मिसाइलों की बिक्री के लिए करीब 3.5 अरब डॉलर का समझौता किया।

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