आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में बीते कई दिनों से राशन कार्ड सरेंडर तथा निरस्तीकरण की खबरों पर योगी सरकार ने रविवार शाम विराम लगा दिया है। सरकार की ओर से अब कहा गया है कि राशन कार्ड का सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है, सरेंडर करने की बात महज अफवाह के सिवा कुछ भी नहीं है। योगी सरकार ने राशन कार्ड को लेकर बीते कई दिन से चल रही खबरों का खंडन करते हुए अपना रुख स्पष्ट किया है।
कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों व भाजपा सांसद वरुण गांधी के इस मामले में सवाल उठाने के एक दिन बाद आज योगी सरकार ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में राशनकार्ड सरंडेर करने या फिर कहीं पर उनके निरस्तीकरण के सम्बन्ध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है। प्रदेश के खाद्य आयुक्त ने इस संबंध में प्रसारित खबरों को ही भ्रामक बता दिया है। साथ ही कहा कि यूपी में राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है। सामान्य प्रक्रिया को बेवजह तूल देना ठीक नहीं है।
उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के इंफो उत्तर प्रदेश फैक्ट चेक शाखा की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर राशन कार्ड सरेंडर करने व वसूली को लेकर भ्रामक पोस्ट वायरल किए जा रहे हैं। इस संबंध में अवगत कराना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से राशन कार्ड सरेंडर या फिर वसूली का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। राशन कार्ड सरेंडर करने और रिकवरी होने के आदेश को लेकर सरकार की तरफ से खंडन किया गया है।
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वहीं खाद्य आयुक्त ने बताया कि इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है। खाद्य आयुक्त सौरव बाबू ने कहा कि राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है जो समय-समय पर चलती है। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने और पात्रता की नई शर्तों के संबंध में आधारहीन प्रचार हो रहा है। सत्यता यह है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में सात अक्टूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।