आरयू वेब टीम।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक सुधारों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने ऑल इंडिया सर्वे रिपोर्ट जारी की है, जिसने केंद्र समेंत विभिन्न सरकार के दावों और कामों की पोल खोल दी है। इस सर्वे से पता चलता है कि जनता के मुद्दों पर केंद्र से लेकर राज्य सरकारों का प्रदर्शन औसत से भी खराब रहा है।
एडीआर की ओर से यह सर्वे देश की 534 संसदीय सीटों पर किया गया, जिसमें देशभर की जनता ने अपनी प्राथमिकताएं बताईं। जनता ने रोजगार को 46.80 प्रतिशत के साथ शीर्ष स्थान पर रखा। वहीं दूसरे नंबर पर 34.60 प्रतिशत के साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता बताया। साथ ही पेयजल(30.50%), अच्छी सड़कें(28.34%), बेहतर परिवहन(27.35%), खेती के लिए पानी(26.40%), कृषि लोन(25.62%), कृषि उत्पादों का अधिकतम मूल्य(25.41%), बीज और उर्वरकों पर सब्सिडी(25.06%), सुदृढ़ कानून-व्यवस्था(23.95%) को जनता ने अपनी प्राथमिकता बताई।
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एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में इन मुद्दों के आधार पर सरकार के प्रदर्शन को औसत से भी खराब करार दिया है। सरकार ने कुछ प्रमुख राज्यों की भी अलग से रिपोर्ट जारी की है। जिसमें यूपी की योगी सरकार का प्रदर्शन भी खराब बताया है।
योगी सरकार ने जनता की अपेक्षाओं को किया नजरअंदाज
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं को सत्ताधारी दल ने नजरअंदाज किया है। एडीआर के इस सर्वेक्षण के मुताबिक, मतदाताओं से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर यूपी की योगी सरकार का प्रदर्शन औसत से भी नीचे रहा है। इन मुद्दों में रोजगार के अवसर, स्वास्थ्य सुविधा एवं कानून-व्यवस्था शामिल हैं। एडीआर ने ‘उत्तर प्रदेश सर्वे 2018’ के नतीजों को जारी किया है।
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मतदाताओं ने कहा कि उनकी शीर्ष प्राथमिकता रोजगार के अवसर (42.82 प्रतिशत), अच्छे अस्पताल एवं प्राथमिक चिकित्सा केंद्र (34.56 प्रतिशत) और बेहतर कानून व्यवस्था (33.74 प्रतिशत) हैं।
वहीं राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं की शीर्ष प्राथमिकता में कृषि कर्ज की उपलब्धता (44 फीसदी), कृषि के लिए बिजली (44 फीसदी) और रोजगार के अवसर (39 फीसदी) रही और लोगों के बीच सरकार का प्रदर्शन इन सभी क्षेत्रों में औसत दर्जे से भी कम पाया गया।
जनता से जुड़े मुद्दों पर लचर रही बिहार में नीतीश सरकार
वहीं बिहार के मतदाताओं ने भी रोजगार को 49.95 प्रतिशत के साथ अपनी शीर्ष प्राथमिकता बताया। वहीं खेती के लिए पानी की उपलब्धता(41.43 प्रतिशत) को दूसरे, जबकि अच्छे अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधा(39.09) को तीसरे नंबर की प्राथमिकता बताया।