आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनावों में सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाले राजधानी लखनऊ के महापौर पद के लिए चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशी बेदाग छवि के हैं। विभिन्न राजनैतिक दलों की ओर से उतारे गए प्रत्याशियों में समाजवादी पार्टी की मीरावर्धन सबसे अमीर हैं, हालांकि उन पर देनदारी भी सबसे ज्यादा है।
एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर), यूपी इलेक्शन वाच की ओर से बुधवार को जारी लखनऊ के महापौर पद के प्रत्याशियों के आर्थिक, आपराधिक और शैक्षिक पृष्ठ भूमि की समीक्षा से पता चलता है कि पहली बार महिलाओं के लिए आरक्षित इस नगर निगम की सबसे बड़ी कुर्सी के दावेदारों में कोई भी आपराधिक छवि का नही है।
उम्मीदवारों की ओर दाखिल किए गए शपथ पत्रों से यह भी पता चलता है कि राजधानी में महापौर पद के लिए मैदान में उतरे 19 प्रत्याशियों में करीब 53 प्रतिशत यानि की दस उम्मीदवार करोड़पति हैं। वहीं 11 (58 फीसदी) उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता स्नातक या फिर इससे ज्यादा है। चुनाव लड़ रही तीन प्रत्याशी डॉक्टरेट डिग्री धारक हैं, जबकि चार की शैक्षिक योग्यता 8वीं से 12वीं पास भर है।
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आज प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एडीआर की रिपोर्ट जारी करते हुए संस्था के फैलो अनिल शर्मा और राज्य सहभागी रश्मि शर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लखनऊ के महापौर के लिए दावेदारी कर रहीं सपा की मीरावर्धन की कुल संपत्ति 18.98 करोड़ है, जबकि उन पर 1.84 करोड़ रुपये की देनदारी है।
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वहीं भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी संयुक्ता भाटिया की कुल संपत्ति 8.69 करोड़ व देनदारी 44.34 लाख रुपये की है। साथ ही कांग्रेस उम्मीदवार की कुल संपत्ति 76 लाख रुपये है तो बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी बुलबुल गोदियाल की संपत्ति 2.46 करोड़ रुपये है। बुलबुल गोदियाल पर 10 लाख रुपये की देनदारी है।
आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी प्रियंका महेश्वरी की कुल संपत्ति 1.88 करोड़ रुपये व देनदारी 38000 रुपये की है। नागरिक सेवा पार्टी की ओर से मैदान में उतरी तरुश्री के पास 1.11 करोड़ रुपये की संपत्ति व 44 लाख रुपये की देनदारी है।
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लखनऊ के महापौर की दावेदारी कर रही कुल प्रत्याशियों में से केवल दो की आयु 60 वर्ष से ज्यादा है, जबकि पांच (26 फीसदी) की आयु 31 से 40 वर्ष के बीच की है। सबसे ज्यादा 12 उम्मीदवार (63 फीसदी) 41 से 60 साल की आयु वर्ग के बीच के हैं।
एडीआर के अनिल शर्मा ने बताया कि स्थानीय निकाय चुनावों में यूपी इलेक्शन वाच ने लखनऊ में अपना अभियान शुरु कर दिया है। एडीआर के कार्यकर्ता विभिन्न वार्डों में मतदाताओं को जागरुक करने और सही व अच्छे प्रत्याशी चुनने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
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