आरयू वेब टीम।
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में कैफियत एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज अपने इस्तीफे की पेशकश की। रेल मंत्री ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है, लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा है। रेल मंत्री ने कहा कि एक के बाद एक रेल हादसों से उन्हें गहरा दुख पहुंचा है। हादसे में जो लोग जिनकी मौत हुई है उनके लिए मुझे दुख है और जो घायल हुए हैं मेरी दुआएं उनके साथ है।
उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा कि मैंने तीन वर्षों से कम समय में बतौर रेल मंत्री कड़ा श्रम किया है। ताकि विभाग के हालात को बेहतर बनाया जा सके। रेलवे की बेहतरी के लिए अपना खून-पसीना दिया है।
प्रभु ने यह भी लिखा कि प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया विजन को देखते हुए रेलवे को सुरक्षित और आधुनिक बनाने के लिए हमने भरसक प्रयास किए हैं।
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मालूम हो कि इससे पहले, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने इस्तीफा दे दिया। चार दिनों में दो रेल हादसों के बाद रेलवे प्रशासन दबाव में है। शनिवार को मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के हादसे का शिकार होने की वजह से 23 लोगों की जान चली गई थी। 80 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हादसे के बाद से रेल मंत्री से विपक्ष इस्तीफे की मांग कर रहा था।
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