आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकण ने अकबरनगर ध्वस्तीकरण अभियान के दूसरे दिन आज अपनी पूरी ताकत झोंक दी। प्राधिकरण की जमीन नहीं होने के बावजूद पहले दिन 45 दुकान-मकान को जमीदोज कराने वाले एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी के निर्देश पर अफसर-इंजीनियरों की टीम ने दूसरे दिन सौ से ज्यादा घर व दुकानों को दर्जनों जेसीबी व पोकलेन मशीनों की सहायता से गिरवा दिया।
कुकैरल नाले को फिर से नदी का स्वरूप देने के साथ ही रिवर फ्रंट बनाने के लिए कुकरैल नदी की जमीन पर दशकों पहले बसे अकबरनगर सेकेंड में आज सुबह करीब सात बजे से शुरू हुई एलडीए की विध्वंसक कार्रवाई देर शाम तक चली कार्रवाई की जद में आए अधिकतर भवन आवासीय ही थे। इस दौरान एलडीए के अलावा नगर निगम व जिला प्रशासन की टीम के साथ ही क्षेत्रिय जनता के विरोध की आशंका को देखते हुए भारी पुलिस व पीएसी बल भी मौजूद रहा।
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एलडीए ने आज जहां अकबरनगर की जनता का घर-दुकान जमीदोज करने के लिए 12 बड़ी पोकलेन मशीनें और 11 जेसीबी लगा रखी थीं। वहीं आवंटियों का सामान बसंतकुंज शिफ्ट करने के लिए नगर निगम की सहायता से 47 लोडर वाहनों को भी मौके पर मौजूद रखा था। इन वाहनों से लोगों ने अपनी गृहस्थी प्रधानमंत्री आवास तक पहुंचाया।
हाई कोर्ट के बाद एलडीए से सुप्रीम कोर्ट में भी केस हारने के बाद निराश हो चुके अकबरनगर सेकेंड में रह रहे लोगों ने आज बड़ी संख्या में बसंतकुंज स्थित प्रधानमंत्री आवास में कब्जा लिया। हालांकि इस दौरान बसंतकुंज के कई मकानों में पानी-बिजली समेत फीनिशिंग का काम पूरा नहीं होने के चलते लोगों ने वहां पहुंचकर आपत्ति भी जताई।
गुस्से में लोग, गमजदा दिखीं महिलाएं-बच्चे
दूसरी ओर हजारों लोगों का आशियाना व रोजगार की जगह उजड़ने के चलते आज भी अकबरनगर से लेकर बसंतकुंज तक में तनाव की स्थिति रही। घर-दुकान छीनने से खासकर महिलाओं व बच्चों समेत काफी लोग गमगीन व एलडीए की कार्रवाई से गुस्से में नजर आएं, हालांकि भारी पुलिस बल होने के चलते लोगों का गुस्सा फूट नहीं सका।
वीसी से लेकर चौकीदार तक अकबरनगर में व्यस्त
खुद की जमीन नहीं होने के बाद भी अकबरनगर के खिलाफ एलडीए कितना बड़ा अभियान छेड़ चुका है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एलडीए वीसी के अलावा सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव, चीफ इंजीनियर अपने कार्यालय में दो दिनों से न के बराबर बैठ पा रहें हैं। अधिकारियों की कुर्सी पूरे दिन खाली रहने से अपने समस्याओं को लेकर इनसे मिलने आने वाले आवंटियों को भी निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
पुलिस-प्रशासन के बैठने व खाने-पीने का इंतजाम एलडीए के जिम्मे
प्राधिकरण के बड़े अफसरों के साथ ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कराने व कब्जा देने के लिए आधा दर्जन ओएसडी, छह अधिशासी अभियंता, प्रवर्तन प्रभारी समेत एलडीए के सातों जोन के प्रवर्तन के सभी इंजीनियर व बड़ी संख्या में चौकीदार व अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मी अकबरनगर में व्यस्त हैं। इसके अलावा एलडीए के ही अधिकारी-कर्मी अकबरनगर में अपने अफसरों के साथ ही जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों के बैठने के लिए कुर्सी, पंडाल व खाने-पीने का भी इंतजाम करने में लगाए गए हैं।
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182 आवंटियों ने लिया कब्जा
अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि आज अकबरनगर के 182 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास का कब्जा दिया गया। अब तक कुल 523 आवंटियों को भवन का कब्जा दिया जा चुका है। इसके साथ ही अकबर नगर के कुल 18 सौ अध्यासियों को प्रधानमंत्री आवास आवंटित किये हैं। सभी को आवंटन लेटर भी दिया गया है। अपर सचिव ने बताया कि अकबरनगर दो में काफी हद तक लोगों ने मकान खाली कर दिया है। चंद ही दिनों में अकबरनगर दो के सभी अवैध निर्माण गिरा दिए जाएंगे। इसके अलावा अकबरनगर एक में जिन लोगों ने मकान नहीं खाली किया है उनसे भी बात की जा रही है। अकबरनगर एक के बाद दो के भी सारे अवैध भवनों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
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सुप्रीम कोर्ट तक लड़ा एलडीए, करोड़ों खर्च किए, जीत भी मिली
उल्लेखनीय है कि कुकरैल नाले को संवारकर फिर से नदी बनाने के रास्ते में अकबरनगर की 101 कॉमर्शियल बिल्डिंगों समेत करीब 12 सौ भवन आ रहें थे। इन्हें एलडीए से बचाने के लिए अकबरनगर की जनता व व्यापारी हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए, लेकिन एलडीए ने युद्धस्तर पर केस की पैरवी करते हुए उन्हें दोनों ही जगहों पर मात दी। हालांकि इस कोशिश में उसकी जब से करोड़ों रुपए जरूर खर्च हो गए। कल से शुरू हुए इनके खिलाफ अभियान में एलडीए नेडेढ़ सौ भवनों को दो दिन में ही तोड़ दिया है। इसके पहले भी एलडीए 29 कॉमर्शियल बिल्डिंगों को गिरा चुका है। एलडीए अफसरों की तेजी को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि एक महीने के अंदर सभी अवैध भवन को जमीदोज कर दिया जाएगा।