मायावती ने खुलकर किया उपचुनाव अकेले लड़ने का ऐलान, गठबंधन के लिए बताई शर्त, अखिलेश-डिंपल के लिए भी कही ये खास बातें

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आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा कल नई दिल्‍ली में आयोजित समीक्षा बैठक में कही बातों को लेकर उठे सियासी भूचाल के बाद मंगलवार को यूपी की पूर्व सीएम ने खुद मीडिया से सीधे बात की। आज अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए मायावती ने न सिर्फ अगामी विधानसभा का उपचुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया, बल्कि ऐसा करने की वजह भी बताई।

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साथ ही मायावती ने गठबंधन के भविष्‍य को लेकर लगाई जा रही अटकलों और बयानबाजियों पर विराम लगाते हुए गठबंधन जारी रखने की शर्त भी सार्वजनिक कर दी है। उन्‍होंने कहा कि सपा ने यादवों का अपना आधार वोट बैंक खो दिया है, अगर वो इसे वापस हासिल कर लेता है तो वो सपा के साथ जाएंगी। इसके अलावा मायावती ने सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव व उनकी पत्‍नी डिंपल यादव से अपने संबंधों को राजनीतिक के साथ ही व्‍यक्तिगत बताते हुए कहा कि ये हमेशा बना रहेगा।

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बसपा सुप्रीमो ने सामाचार एजेंसी एएनआइ से आज कहा है कि जब से सपा-बसपा गठबंधन हुआ, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्‍नी डिंपल यादव ने मुझे बहुत सम्मान दिया है। मैं राष्ट्र के हित में सभी मतभेदों को भी भूल गयी, और उन्हें सम्मान दिया। हमारा संबंध केवल राजनीति के लिए नहीं है, यह हमेशा रहेगा।

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गठबंधन के भविष्‍य के बारे में मायावती ने कहा कि हम राजनीतिक मजबूरियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। यूपी में लोकसभा चुनाव के नतीजों में, समाजवादी पार्टी, ‘यादव’ समुदाय का आधार वोट हासिल नहीं कर सकी है, हालात ऐसे रहे कि सपा के मजबूत दावेदार भी लोकसभा चुनाव में अपनी सीट हार गए।

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गठबंधन को भविष्‍य में जारी रखने के लिए मायावती ने शर्त रखते हुए आगे कहा कि यदि हम भविष्य में महसूस करते हैं कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्य में सफल होते हैं, तो हम फिर से एक साथ काम करेंगे, लेकिन अगर वह सफल नहीं होते हैं तो हमारे लिए अलग काम करना अच्छा रहेगा। इसलिए हमने अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।

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