आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को योगी सरकार पर निशाना साधा है। सपा मुखिया ने आरोप लगाया है कि भाजपा अपने सेट किये हुए ‘प्लांटेड लोगों’ के उपनाम का दुरुपयोग करके यूपी के पड़ोसी राज्यों से लोगों को लाकर, समाज को बांटने वाली ‘घुसपैठिया राजनीति’ प्रदेश में कर रही है। मगर भाजपा का ये सच बच्चा-बच्चा जानता है। उत्तर प्रदेश का समाज कुछ नकारात्मक लोगों की गलतियों से बंटेगा नहीं बल्कि और भी मजबूत होगा।
सपा सुप्रीम ने अपने एक बयान में कहा कि आज क्या उत्तर प्रदेश में एक भी ऐसा भाजपाई नहीं है जिस पर दिल्लीवाले भरोसा कर सकें? शायद ऐसा ही है तभी तो वो बाहर से लोगों को लाकर षडयंत्र की नई बिसात बिछा रहे हैं। सच तो ये है कि ये लखनऊवालों के लिए एक ‘ताल ठोंकती चुनौती’ है कि यूपी को अस्थिर करने के लिए प्रदेश की सीमा पार से लोग बार बार अंदर आ रहे हैं और प्रदेश का अमन-चैन बिगाड़ कर आराम से वापस चले जा रहे हैं। यूपी की भाजपा सरकार क्या अब अपने प्रदेश की सीमाएं किसी भी अराजक तत्व के लिए खोल देगी।
अगर ऐसा है तो यूपी की भाजपा सरकार खुलकर घोषणा कर दे या फिर उन अराजकतावादी तत्वों को तुरंत अपनी पुलिस भेजकर गिरफ्तार करवाए। अगर ये नहीं हुआ तो कल को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को ठेंगा दिखाते हुए ऐसे और लोग भी आएंगे और यूपी की जनता मान लेगी कि भाजपा सरकार यूपी में कागजी सरकार बनकर रह गयी है, न उसके पास कोई नेतृत्व है और न ही उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था और यहां तक कि शांति के लिए कोई प्रतिबद्धता।
अखिलेश यादव ने कहा पीडीए ’पीड़ा, दुख और अपमान’ का त्रिदंश झेलने वाले परंपरागत रूप से उपेक्षित और उत्पीड़ित लोगों के बीच आई नई चेतना और एकजुटता का सामूहिक, सामाजिक, सामुदायिक ऐलान है। उन्होंने कहा कि पीडीए प्रतिशोध की नहीं सोच के परिवर्तन की पुकार है। पीडीए गैर बराबरी को दूर करके समता, समानता, गरिमा, प्रतिष्ठा को सुनिश्चित करनेवाले सकारात्मक-प्रगतिशील ‘सामाजिक न्याय के राज’ का संकल्पित उद्घोष है।