आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अम्बेडकर नगर के कटहरी में उपचुनाव को लेकर जनसभा को संबोधित कर भाजपा पर निशाना साधा है। अखिलेश ने दावा कर कहा कि भाजपा जान चुकी थी वह मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव हारने जा रही है। इसी कारण चुनाव कैंसिल करा दिया है। भाजपा ने सर्वे भी कराया था, जिसमे पार्टी को यह बात पता चल गई थी।
साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री चुनावी रैलियों में सपा के खिलाफ कई आरोप लगा रहे हैं। वह कहते हैं कि सपा माफियाओं का गढ़ है, वहां सब गुंडे ही गुंडे हैं। मैं दावे के साथ कहता हूं कि मुख्यमंत्री खुद घर से निकलते वक्त आइने में अपना चेहरा नहीं देखते। लखनऊ और दिल्ली वाले इंजन टकरा रहे हैं इसके तमाम उदाहरण हैं। सरकार अब तक डीजीपी तक नहीं बना पाई है, क्योंकि दिल्ली का इंजन किसी और को चाहता है। हमने तो हाल में देखा है कि इनके नारे भी टकरा रहे हैं। जो समाज में नारे के माध्यम से बारूद बिछा रहे थे, उनके अपने ही लोग उनकी कुर्सी खिसकाने के लिए सुरंग बना रहे हैं।
अखिलेश ने कहा कि 13 को वोटिंग होती तो हार जाते, इसलिए चुनाव टाल दिया। यूपी का चुनाव हारकर भाजपाइयों को नींद नहीं आ रही है। पहले साजिश करके माहौल खराब करने की कोशिश की और जब कामयाब नहीं हुए तो 13 को होने वाले चुनाव को स्थगित करवा दिया। प्रदेश से त्योहार के चलते आने वालों ने भी मन बनाया था कि 13 को वोट डालकर ही वापस जाएंगे।
भाजपा वन नेशन वन इलेक्शन का दावा करती है, लेकिन परीक्षा नहीं करा पाती
सपा मुखिया ने कहा कि ये वही भाजपा है जो वन नेशन वन इलेक्शन कराने का दावा करती है, लेकिन परीक्षा नहीं करा पाती है। आज नौकरी और परीक्षा के लिए छात्रों को सड़कों पर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। इस दौरान झांसी अग्निकांड की घटना पर अखिलेश यादव ने कहा, “ये दुखद है कि किस तरह की घटना आज के समय पर हो रही है। उन्हें तभी सावधान हो जाना चाहिए था जब गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की जान गई थी।
यह भी पढ़ें- अखिलेश ने आंदोलनकारियों को बताया समझदार युवा, कहा सरकार इन्हें नहीं थमा सकती झुनझुना
वहीं सपा सुप्रीमो ने कहा कि जब कभी भी ये लोग निरीक्षण पर जाते हैं या औचक निरीक्षण करते हैं तो पूरा इंतजाम सही सलामत मिलता है, लेकिन जैसे ही अधिकारी या मंत्री हटते हैं, अस्पताल वैसे ही हो जाते हैं। क्या सरकार ने पर्याप्त बजट दिया था?, सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे? यह लापरवाही और सरकार की नजरअंदाजी की वजह से दस बच्चों की जान गई है और इतना बड़ा नुकसान हुआ है।”