लेटरबाजी के बाद मुलायम ने CM अखिलेश के साथ ही रामगोपाल को सपा से निकाला

mulayam notice to akhilesh

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। लोगों की आशंका सही साबित हुई, शुक्रवार का दिन समाजवादी पार्टी के लिए ऐतिहासिक रहा। दिनभर की लेटरबाजी, बयानबाजी और बैठकों के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला लेते हुए शाम को मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव समेत अपने भाई प्रो. रामगोपाल यादव को भी पार्टी से छह साल के लिए निष्‍कासित कर दिया।

सपा मुखिया ने प्रेसवार्ता कर दी जानकारी

mulayam notice to ramgopal

मुलायम सिंह यादव ने अपने आवास पर प्रेसवार्ता कर मीडिया को यह जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि परिवार से पहले पार्टी को बचाना है। पार्टी को किसी भी कीमत पर टूटने नहीं देंगे। रामगोपाल पार्टी के साथ ही गलत सलाह से अखिलेश का भविष्‍य बर्बाद कर रहे है। मैं तय करूंगा सीएम कौन होगा। अखिलेश माफी मांगते है तो देखेंगे बाद में क्‍या हो सकता है।

पार्टी से निष्‍कासन के बाद रामगोपाल व अखिलेश ने सपा मुखिया के फैसले को असंवैधानिक बताया है। रामगोपाल बोले कि राष्‍ट्रीय अध्यक्ष को पार्टी संविधान की सही जानकारी नहीं है।

रामगोपाल ने कहा ऐसी नोटिस आती रहती है

अनुशासनहीनता के मामले में सपा मुखिया ने कार्रवाई से पहले अखिलेश के साथ ही रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन नोटिस के बाद रामगोपाल ने यह कहकर नेताजी के गुस्‍से को भड़का दिया कि ऐसी नोटिस आती रहती है। एक जनवरी को सब कुछ तय हो जाएगा।

रामगोपाल का बयान मीडिया में जारी होते ही मुलायम सिंह यादव ने प्रेसवार्ता कर पार्टी के इतिहास का सबसे बड़ा फैसला कर डाला।

बुलाया गया आपातकालीन प्रतिनिधि सम्‍मेलन

इससे पहले रामगोपाल ने एक लेटर जारी कर अखिलेश की तारीफ करने के साथ ही विरोधियों पर निशाना साधते हुए एक जनवरी को अशियाना के राम मनोहर लोहिया विधि विश्‍वविद्यालय में आपातकालीन राष्‍ट्रीय प्रतिनिधि सम्‍मेलन बुलाने की जानकारी मीडिया को दी थी।

 ramgopal letter

पहली बार CM समर्थकों ने लगाए सपा मुखिया के खिलाफ नारे

मुख्‍यमंत्री के निष्‍कासन की खबर लगते ही उनके समर्थकों ने पार्टी कार्यलय समेत जगह-जगह हंगामा शुरू कर दिया है। शिवपाल मुर्दाबाद के साथ ही अखिलेश समर्थक पहली बार मुलायम सिंह यादव मुर्दाबाद के नारे लगा रहे है। दूसरी ओर सीएम आवास के बाहर उनके समर्थको ने आत्‍मदाह का प्रयास भी किया है।

लॉ एण्‍ड ऑर्डर बिगड़ने का अंदेशा

कानून-व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए एडीजी लॉ एण्‍ड ऑर्डर ने जिलों के कप्‍तानों को एर्लट कर दिया है। सपा कुनबे के बवाल के बाद प्रदेश में राष्‍ट्रपति शासन लगने की उम्‍मीद बढ़ गई है। फिलहाल अभी रात के साथ ही मुख्‍यमंत्री की प्रतिक्रिया आना  बाकी है।