यमुना केमिकल विवाद पर अखिलेश ने कहा, “नदियां हमारी आस्था से जुड़ी, इन्हें गंदा करना नहीं स्वीकार”

अखिलेश यादव

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में छठ पूजा से पहले यमुना नदी की सफाई के लिए डाले गए केमिकल को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चिंता जताते हुए कहा कि हमारे देश में नदियां सिर्फ पानी का स्रोत नहीं, बल्कि हमारी आस्था और भावनाओं से जुड़ी होती हैं, इसलिए इन्हें गंदा करना किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।” सपा मुखिया ने केंद्र और राज्य सरकार से इसकी जांच की मांग की है।

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि ये जाने बिना कि इस्तेमाल किए गए रसायन इंसान की सेहत पर क्या असर डालेंगे, यमुना में इसे डालना “बेहद गंभीर मामला” है। साथ ही कहा कि छठ एक आस्था से जुड़ा खास पर्व है, इसलिए सरकार को इसकी तुरंत जांच करनी चाहिए।

…तो उसका असर गंगा पर भी पड़ेगा

इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर से जोड़ते हुए सपा मुखिया ने कहा कि यमुना नदी दिल्ली और मथुरा से होते हुए प्रयागराज पहुंचती है और वहां गंगा से मिलती है। अगर यमुना प्रदूषित होगी, तो उसका असर गंगा पर भी पड़ेगा, जो आगे काशी और कई अन्य शहरों तक बहती है।

अखिलेश यादव ने कहा कि, “हमारे देश में नदियां सिर्फ पानी का स्रोत नहीं, बल्कि हमारी आस्था और भावनाओं से जुड़ी होती हैं, इसलिए इन्हें गंदा करना किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।”

नदियों के नाम पर अरबों खर्च…

इस दौरान भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इतने सालों में नदियों को साफ करने के नाम पर अरबों रुपये खर्च हुए, लेकिन यमुना और गंगा दोनों की हालत नहीं सुधरी। सपा सुप्रीमो ने सवाल उठाया कि आखिर वो पैसा गया कहां? इसकी उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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बता दें कि दिल्ली में छठ पूजा से पहले यमुना नदी में हर साल की तरह इस बार भी झाग बनने की समस्या सामने आई है। इसे दूर करने के लिए दिल्ली सरकार ने ‘डी-फोमर’  नाम का एक खास केमिकल नदी में डालना शुरू किया है, जिसका उद्देश्य झाग को कम करना है। सरकार का दावा है कि यह उपाय यमुना को साफ और छठ पूजा के लिए सुरक्षित बनाने के लिए किया जा रहा है।

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