आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मंगलवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि यूपी की स्थिति अभी सुधरी नहीं है। किसानों की हालत दयनीय हो गई है, लेकिन भाजपा के पास महंगाई कम करने का कोई भी जवाब नहीं है।
इस दौरान सपा अध्यक्ष ने सीएम योगी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का दावा करते हैं, लेकिन पहले लिस्ट दें, ताकि जनता भी जाने कि माफिया कौन लोग हैं? प्रदेश की जनता यह जानना चाहती है तो फिर सरकार पीछे क्यों हट रही है। बताते चलें कि अखिलेश ने ऐसे समय में माफियाओं पर कार्रवाई को लेेेकर संदेह जाहिर किया है, जब कहा जा रहा है कि योगी सरकार के निशाने पर सिर्फ एक धर्म के ही माफिया है। उनके खिलाफ ही कार्रवाई हो रही, जबकि एक अन्य जाति के माफिया न सिर्फ मौज काट रहें, बल्कि अपना सम्राज्य भी बेखौफ होकर यूपी में चला रहें हैं।
वहीं आज नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ चार प्रतिशत बेरोजगारी दर बताई जा रही है। इसका मतलब क्या 90 प्रतिशत बेरोजगारों को रोजगार मिल गया है? गैस सिलेंडर, दूध, आटा, दाल सब महंगा हो गया है। महंगाई से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। भाजपा के पास महंगाई कम करने का कोई भी जवाब नहीं है।
इतना ही नहीं प्रदेश का किसान छला गया है। उसको न तो एमएसपी मिली नहीं उसकी आय दोगुनी हुई। गन्ना किसान को बकाया भुगतान भी नहीं मिला। भाजपा ने जिस उद्योगपति को बढ़ाया था और दुनिया में नंबर दो पर पहुंचा दिया था, वह 20 लाख करोड़ रुपये के घाटे में चला गया है। एलआइसी और एसबीआई जैसी सरकारी संस्थाओं का पैसा डूब गया। केंद्र सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
वहीं भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश का बहुत बड़ा चुनाव है। भाजपा देश के बड़े विपक्षी नेताओं के खिलाफ तमाम तरह की साजिश कर रही है। षडयंत्र कर ईडी और सीबीआइ का प्रयोग कर लोकसभा चुनाव 2024 को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। भाजपा महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को दबाने के लिए जबरन विपक्षी नेताओं को फर्जी केस में फंसाती है। भाजपा लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है। भाजपा के इन हथकंड़ों से संघर्षशील नेता और कार्यकर्ता डरने वाले नहीं है।
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इस दौरान अखिलेश ने कहा, “मैंने रामचरितमानस के बारे में नहीं पूछा था। बल्कि यह पूछा था कि शुद्र क्या है? जब कोई घर से गया तो क्या गंगाजल से घर धोया जाता है, ये क्या दिखाता है। क्या नेता सदन ये बताएंगे कि शुद्र गलत है, हम रामचरितमानस के खिलाफ नहीं है। ये किसने कहा, भगवान सबके हैं, केवल आप चंदा लेते हैं तो क्या आप ही हो जो भगवान? इसलिए हम जातिगत जनगणना चाहते हैं।”
सपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि कई देशों में मंत्री घूमने गए क्या उन्हें वहां पर सड़कों पर आवारा पशु घूमते दिखाई दिए। प्रदेश में 11 लाख से ज्यादा छुट्टा जानवर हैं और 750 करोड़ बजट रखा है, जो लोग जानवर से एक्सीडेंट और खेत में रखवाली में जान गंवाई, क्या उनकी मदद करेगी सरकार।