आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश यादव के सरकारी बंगले की बदहाल स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सपा मुखिया पर हमला बोला है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सरकारी बंगले को खाली करने से पहले तोड़-फोड़ से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कुण्ठा झलकी है।
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राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री रहते हुए ही इस बात का एहसास हो गया था कि वे दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले पाएंगें, इसीलिए मुख्यमंत्री रहते हुए ही अपने लिए एक शानदार बंगला सरकारी खर्च पर तैयार किया था, जिसमें सरकारी धन का जमकर दुरूपयोग किया गया था।
उन्होंने किसी धन्नासेठ या बड़े उद्योगपति के बंगले से भी ज्यादा विलासिता के साजो सामान वहां जुटाए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मजबूरीवश बंगला खाली करना पड़ा और उसी विलासिता को छुपाने के लिए बंगला खाली करने से पहले तोड़-फोड़ की गई वो शर्मनाक होने के साथ ही निन्दनीय भी है।
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हमला जारी रखते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी का मूल चरित्र हुल्लड़बाजी, अराजकता और हल्लाबोल का है। बंगला खाली करते समय अपने इस स्वभाव का भी परिचय देते हुए बंगले से टाईल्स टोंटिया, निकलवाकर अपनी हताशा को दर्शाया है और कई गंभीर प्रश्न भी खड़े किए है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को जनता को बताना चाहिए कि उन्होंने बंगले से टाईल्स क्यूं उखड़वाई।
बदहाल मिला बंगला
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिस बंगले में रहते थे उसकी चाबी राज्य सम्पत्ति विभाग को सौंप दी गई है। जब विभाग के लोग बंगले के अंदर पहुंचे तो वहां का हाल देखकर हैरान रह गए। बंगले के अंदर बने साइकिल ट्रैक व बैडमिंटन कोर्ट को तोड़ दिया गया था। यहां तक कि एलईडी लाइट्स और कमरों में लगे इलेक्ट्रिक स्विच तक को निकाल लिया गया था। जिसके बाद मीडिया में बंगले की तस्वीर को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। वहीं, विपक्षियों द्वारा बंगले को वाइट हाउस भी बताया है।
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