आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज बीएड टीईटी संघर्ष संगठन एवं बीएड टेस्ट 2011 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्ति की बात उठाई है। प्रतिनिधि मण्डल में अध्यक्ष सुनील यादव के साथ महिला अध्यक्षा रूखसाना खान, मीडिया प्रभारी, विजय यादव, प्रज्ञा मिश्रा एवं रेनू प्रजापति शामिल थीं।
मुलाकात के बारे में सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि अभ्यर्थियों ने अखिलेश यादव पर भरोसा जताते हुए आशा व्यक्त की है कि वे इस संबंध में प्रभावी कार्यवाही में सहयोग करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने उनकी समस्या के समाधान में हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
इस दौरान प्रतिनिधिमण्डल ने अखिलेश यादव को दिए ज्ञापन में कहा है कि देश में छह से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त एवं गुणवत्तापरक शिक्षा अनिवार्य है। प्रदेश में कुल 1,10376 प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य हेतु कुल 4,86,182 शिक्षकों की आवश्यकता है। जिसमें 1,77,866 शिक्षक ही विभाग में कार्यरत हैं। इस प्रकार से करीब 3,08,316 शिक्षकों की तत्काल आवश्यकता है।
संगठन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि विज्ञापन के बाद एक-एक अभ्यर्थी विभिन्न जिलों में नियुक्ति करने के लिए 25 से 30 हजार रुपए खर्च किए थे। इस तरह से उन लोगों के अरबों रुपए सरकार के खाते में चले गए, लेकिन इस बाद भी आज तक उन लोगों की नियुक्ति नहीं की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट की हरि झंडी के बावजूद करीब 80 हजार अभ्यर्थी आज भी नियुक्ति पाने की आस में प्रताडि़त किए जा रहे हैं। इस बारे में उन लोगों ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर मुद्दे को सदन में उठाने की मांग की है, जिसपर पूर्व मुख्यमंत्री ने सहमति जतायी है।
वहीं रूखसाना खान ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 25 जुलाई 2017 को पारित आदेश में सरकार को छूट प्रदान की है कि वह सरकार भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर सकती है, लेकिन भाजपा सरकार सिर्फ राजनीतिकरण के चलते उन लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।