आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हो गई हैं। वह सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगी। दरअसल राजधानी लखनऊ में सोमवार को सपा मुख्यालय पहुंचकरपल्लवी ने अखिलेश यादव से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि वह मंगलवार यानी आठ फरवरी को अपना नामांकन दाखिल करेंगी।
दरअसल, पल्लवी पटेल ने पहले इस सीट पर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। उनकी उम्मीदवारी का ऐलान सपा ने दो फरवरी को किया था पर वह अपनी सीट पर सहमत नहीं थीं। हालांकि, सपा नेतृत्व से बातचीत पर वह सिराथू सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हो गई हैं। सिराथू से सपा गठबंधन प्रत्याशी पल्लवी पटेल के नामांकन में अखिलेश यादव की पत्नी पूर्व सांसद डिंपल यादव के आने की संभावना है।
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सिराथू सीट के इतिहास की बात करें तो आज यह तक यहां से सपा ने सिर्फ साल 2014 के उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। साल 1993 से लेकर साल 2007 तक यह क्षेत्र आरक्षित था और बहुजन समाज पार्टी के विधायक ने ही जीत हासिल की, लेकिन साल 2012 में जब सीट सामान्य हुई तो भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्या ने यहां से जीत दर्ज की। सिराथू सीट से साल 2012 में केशव प्रसाद मौर्या ने ना सिर्फ जीत दर्ज की, बल्कि इसके बाद उनके राजनीतिक करियर का ग्राफ उपर ही चढ़ता गया।
सिराथू का जातीय गणित
सिराथू के जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां तीन लाख 80 हजार 839 वोटर हैं। दावा किया जाता है कि इसमें से 19 प्रतिशत सामान्य जाति के, 33 प्रतिशत दलित, 13 प्रतिशत मुस्लिम और करीब 34 प्रतिशत पिछड़े वर्ग से हैं। पिछड़ों में पटेल मतदाताओं की भूमिका यहां अहम मानी जाती है।