सबूतों के अभाव में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपत्ति को किया बरी

आरुषि-हेमराज हत्याकांड

आरयू वेब टीम।

नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए तलवार दंपति को बरी कर दिया है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सबूतों के अभाव में दिया है।

इस मामले में न्यायमूर्ति बीके नारायण और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र की खंडपीठ ने राजेश और नुपूर तलवार की याचिका में कोर्ट ने जांच एजेंसी की जांच में कई खामिया पाई।

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इस संबंध में हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि जांच के दौरान सीबीआई तलवार दंपति के खिलाफ ऐसे कोई सबूत पेश नहीं कर पाई जिसमें उन्हें सीधे तौर पर दोषी माना जा सके। कोर्ट ने ये भी कहा ऐसे मामलों में तो सुप्रीम कोर्ट भी पर्याप्त तथ्यों और सबूतों के बिना किसी को इतनी कठोर सजा नहीं सुनाता।

मालूम हो कि सीबीआई की जांच के आधार पर गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद से तलवार दंपति जेल में बंद हैं। इस मामले में आरोपी दंपती डॉ. राजेश तलवार और नुपुर तलवार ने सीबीआई अदालत की ओर से आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी।

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यह था मामला

डॉ. तलवार की बेटी आरुषि की हत्या 15 एवं 16 मई 2008 की दरम्यानी रात नोएडा के सेक्टर 25 स्थित घर में ही कर दी गई थी। घर की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज का शव भी पाया गया था। इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को तलवार दंपत्ति को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था।