आरयू वेब टीम। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बिहार चुनाव के मद्देनजर रविवार को हो रही वर्चुअल रैली को लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि सत्ताधारी दल कोरोना वायरस के संकट के समय में भी राजनीति कर रहा है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि, ‘कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने देश में लॉकडाउन लागू किया था। मगर इसके बावजूद भी भाजपा राजनीति के अलावा और कुछ नहीं देख रही है। बिहार के चुनाव की घोषणा भी नहीं हुई है और भाजपा की राजनीति शुरू हो गई।’
उन्होंने कहा, ‘बिहार में लोगों को इलाज और प्रवासी श्रमिकों को घर भेजे जाने की जरूरत है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की आवश्यकता है, लेकिन भाजपा वाले वर्चुअल रैली कर रहे हैं।’ कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी सभी जिलों के दफ्तरों में मोबाइल फोन दे रही है, ताकि लोग वर्चुअल रैली को देख सकें।
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कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि बिहार में कोई भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का चेहरा नहीं देखना चाहता। आज आरजेडी राज्य में ‘गरीब अधिकार दिवस’ और कांग्रेस ‘श्रद्धांजलि दिवस’ मना रही है। गौरतलब है कि बिहार में इस साल अक्टूबर और नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
वहीं भाजपा का दावा है कि देश में पहली बार किसी राजनीतिक दल द्वारा इस तरह की डिजिटल रैली हो रही है। इसको बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देजनर भाजपा द्वारा कार्यकर्ताओं से संपर्क साधने का विधिवत प्रारंभ भी माना जा रहा है। बिहार चुनाव के मद्देनजर इस रैली को अहम माना जा रहा है। हालांकि, पार्टी नेताओं का कहना है कि अमित शाह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर केंद्र की उपलब्धियों पर विस्तार से अपनी बात रखेंगे। रैली सफल बनाने को बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने खुद पटना आकर तैयारियों का जायजा लिया था।