आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में मंगलवार को राजधानी लखनऊ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में जहां अमित शाह ने एक बार फिर दोहराया कि सीएए वापस नहीं लिया जाएगा, वहीं यह भी कहा कि ये कानून नागरिकता लेने का नहीं, बल्कि देने का कानून है। इसके अलावा आज अमित शाह ने विपक्षी दलों के नेताओं पर हमला बोलते हुए बेहद कड़े शब्दों का भी इस्तेमाल किया।
अमित शाह ने सीएए का विरोध करने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर नाराजगी जताते हुए कहा कि राहुल गांधी कान खोल कर सुन लें। कांग्रेस के पाप के कारण ही धर्म के आधार पर भारत मां के दो टुकड़े हुए। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर भीषण अत्याचार हुए। पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी महज तीन प्रतिशत और बांग्लादेश में सात प्रतिशत ही रह गई है। सीएए का विरोध करने वाले बताएं कि आखिर ऐसा क्यों हुआ?
हमला जारी रखते हुए अमित शाह ने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, इंदिरा गांधी से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक, सबने पाकिस्तान और बांग्लादेश से आये अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत में बसाने की बात की थी, लेकिन आज कांग्रेस वोट बैंक की लालच में अंधी हो चुकी है।
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वहीं नागरिकता संशोधन कानून पर सपा अध्यक्ष द्वारा पूर्व में जताए गए विरोध की बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि, अखिलेश यादव तो ज्यादा न ही बोलें तो अच्छा है, क्योंकि वे किसी विषय को पढ़ते तो हैं नहीं, बस सुनी-सुनाई बातों को लेकर भाषण दे देते हैं। केवल कोरी राजनीति के लिए अखिलेश यादव ऐसे बयान न दें, क्योंकि उत्तर प्रदेश का चप्पा-चप्पा देश विरोधी किसी भी चीज को कभी स्वीकार नहीं करेगी।
वहीं आज अमित शाह ने विपक्षा को निशाने पर लेते हुए यह भी कहा कि, राहुल गांधी एंड कंपनी, अखिलेश यादव, बहन मायावती, ममता बनर्जी और कम्युनिस्ट नेता वोट बैंक की लालच में सीएए का दुष्प्रचार कर रहें हैं कि इससे देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जायेगी। यदि सीएए की किसी भी लाइन में एक भी व्यक्ति की नागरिकता जाने का सवाल हो तो दिखाएं।
…भाषा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से क्यों मिलती है
उन्होंने आगे कहा कि, चाहे धारा 370 का विषय हो, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक हो या फिर सीएए, मुझे समझ नहीं आता कि राहुल गांधी, अखिलेश यादव, बहन मायावती, ममता बनर्जी और कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं की भाषा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से क्यों मिलती है। आखिर राहुल गांधी, अखिलेश यादव, बहन मायावती, ममता बनर्जी, कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं और इमरान खान में संबंध क्या है?
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हमला जारी रखते गृहमंत्री ने कहा कि जान-बूझकर जनता द्वारा नकारी गई विपक्षी पार्टियों द्वारा सीएए पर भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे भड़काये जा रहे हैं, आगजनी की जा रही है, जबकि सीएए तो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से जान बचा कर भारत आये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है।
मंच ढूंढें, बहस के लिए प्रदेश अध्यक्ष तैयार
वहीं अमित शाह ने विपक्ष को चैलेंज करते हुए कहा कि मैं सीएए का विरोध कर रहे इन सभी नेताओं को चुनौती देता हूं कि अगर आपमें हिम्मत है तो आप कोई भी सार्वजनिक मंच ढूंढें, हमारे प्रदेश अध्यक्ष आपसे नागरिकता संशोधन कानून पर बहस करने के लिए तैयार हैं।