आरयू वेब टीम। अंडमान द्वीप में मंगलवार को लोगों की नींद भूकंप के तेज झटके से खुली। भूकंप के तेज झटके लोगों ने महसूस किए और डर से अपने घरों से बाहर निकलने लगे। जबकि काफी देर बाद लोगों ने घर के अंदर वापस जाने की हिम्मत जुटाई। रिएक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई।
इस संबंध में नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप की जानकारी देते हुए बताया कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मंगलवार सुबह मध्यम तीव्रता के साथ दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। एनसीएस ने कहा कि आज अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पोर्टब्लेयर के पास रिक्टर पैमाने पर 4.3 तीव्रता का पहला झटका महसूस किया गया। एनसीएस के मुताबिक भूकंप का पहला झटका सुबह 6:27 बजे आया था। वहीं दूसरा झटका 4.6 तीव्रता के साथ लगभग एक घंटे बाद सुबह 7.21 बजे आया।
लोगों के मन में दहशत बैठ गई है, हालांकि भूकंप के झटके से किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। ये पहली बार नहीं है जब इस द्वीप पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यहां आए दिन धरती हिलने से लोग डर जाते हैं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई थी।
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इससे पहले 13 जुलाई को भी अंडमान द्वीप क्षेत्र में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए थे। देश के कई हिस्सों में आए दिन भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। सात जुलाई को असम के गोलपाड़ा में बुधवार सुबह 8:45 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.3 बताई थी।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।