अपने मुख्‍यालय के बाद इंदिरा गांधी प्रतिष्‍ठान संवारने के नाम पर 15 करोड़ खर्च कर रहा एलडीए

आइजीपी मार्स ऑडिटोरियम
करोड़ों खर्च के बाद कुछ इस तरह नजर आएगा मार्स ऑडिटोरियम।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। बीते करीब सालभर में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपने अफसरों के कार्यालय व मुख्‍यालय की बिल्डिंग के हॉल व चुनिंदा प्‍वांइट संवारने के नाम पर लगभग 20 करोड़ खर्च करने की रेकॉर्ड सफलता के बाद अब इंदिरा गांधी प्रतिष्‍ठान को भी कॉरपोरेट स्‍टाइल में चमकाने का मन बनाया है।

अपनी बेहतरीन लोकेशन व अन्‍य विशेषताओं के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ तक की पहली पसंद माना जाने वाला आइजीपी राष्‍ट्रीय स्‍तर के कई बड़े कार्यक्रमों का भी गवाह बन चुका है। अब मुख्‍य रूप से इसके तीन ऑडिटोरियम ज्यूपिटर, मार्स और मर्करी को हाईटेक करने के लिए एलडीए 15 करोड़ खर्च कर रहा है।

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के निर्देश पर 15 करोड़ की लागत से आइजीपी के तीन ऑडिटोरियम सहित परिसर के अपग्रेडेशन के कुछ अन्‍य कार्य शुरू कराए जा रहे हैं। हालांकि अपग्रेडेशन के बाद पब्लिक के लिए आइजीपी के बुकिंग चार्ज पुराने ही रहेंगे या फिर इसमें बढ़ोतरी होगी फिलहाल इस बारे में एलडीए ने खुलासा नहीं किया है।

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आज तक बना है नंबर वन

प्रथमेश कुमार ने आज मीडिया को बताया कि विभूति खंड स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान साल 2008 में बनकर तैयार हुआ था। वर्ष 2010 से सामुदायिक उपयोग में इसका संचालन शुरू हुआ। तब से लेकर आज तक आइजीपी शहर में सबसे ज्यादा उपयोग में लिया जाने वाला कन्वेंशन सेंटर है। यहां एक साथ कई आयोजनों की मेजबानी की जा सकती है। प्रतिष्ठान में शासकीय समारोह के अलावा कई बड़े शैक्षणिक व साहित्य सम्मेलन, सेमिनार, वर्कशॉप, क्लासिकल इवेंट, प्रदर्शिनी व मांगलिक समारोह आदि होते रहते हैं।

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वीसी के मुताबिक आइजीपी के वजूद में आने से लेकर अब तक प्रतिष्ठान में केवल रंगाई-पुताई, हॉर्टीकल्चर, लाइटिंग आदि रख-रखाव संबंधी काम ही एलडीए ने कराएं हैं। इस दौरान ऑडिटोरियरम, हॉल, आर्ट गैलरी, एक्जिबिशन पवेलियन आदि बहु उपयोगी परिसरों को अपग्रेड नहीं किया गया।

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इसे ध्यान में रखते हुए पूरे परिसर का सर्वे कराकर कार्य योजना तैयार करायी गयी है। जिसके अंतर्गत लगभग 1500 लोगों की क्षमता वाले ज्यूपिटर, 600 की क्षमता वाले मार्स व 400 की क्षमता वाले मर्करी ऑडिटोरियम को नये सिरे से अपग्रेड किया जा रहा। इन ऑडिटोरियम में इंटीरियर, इलेक्ट्रिकल, स्टेज लाइट सिस्टम व कर्टेन आदि का काम कराया जाएगा।

इसके अलावा एयरपोर्ट व इंटरनेशनल बस टर्मिनल की तर्ज पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाये जाएंगे, जिससे ऑडिटोरियम के बाहर गैलरी व पवेलियन में मौजूद लोगों को भी एक साथ संबोधित किया जा सकेगा।

तीन स्‍टेप में पूरा होगा काम

उपाध्यक्ष ने यह भी बताया कि तीनों ऑडिटोरियम बुकिंग के चलते अत्यधिक व्यस्त रहते हैं। जिसके चलते इनमें अलग-अलग चरण में काम पूरा होगा। पहले चरण में सबसे बड़े ज्यूपिटर ऑडिटोरियम का फेस अपलिफ्टमेंट व अपग्रेडेशन किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में मार्स और तीसरे चरण में मर्करी हॉल का कायाकल्प हो जाएगा।

प्रथमेश कुमार ने बताया कि इस काम को छह महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे कि बुकिंग प्रभावित न हो और लोग इन ऑडिटोरियम का लाभ और अधिक प्रभावी ढंग से उठा सकें।

ये हैं आइजीपी की खास बातें-

सूबे की राजधानी के आसान पहुंच वाले प्‍वाइंट पर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चार ऑडिटोरियम प्लूटो, मर्करी, मार्स व ज्यूपिटर हैं। साथ ही अर्थ ब्लॉक में छोटे हॉल, राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस हॉल, ऑफिस, वीआईपी, वीवीआइपी लाउंज भी है। इसके अलावा 1500 से लेकर 300 लोगों की क्षमता वाले चार मैरिज लॉन/बैन्क्वेट हॉल हैं।

साथ ही देश और राज्य स्तरीय प्रदर्शिनी आयोजित करने के लिए लाइब्रेरी पवेलियन है। इन सभी बहु उपयोगी सभागार व लॉन में आने वाले लोगों की कार व बाइक के लिए पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था है।