एलडीए के बड़े टेंडर में लेटलतीफी-गड़बड़ी की जांच करेगी दूसरे इंजीनियरों की कमेटी, फिर शुरू हुई सुधार की कवायद

एलडीए टेंडर की जांच
एलडीए के अफसर-इंजीनियरों के साथ बैठक करतीं रोशन जैकब।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। टेंडर प्रक्रिया को लेकर अक्‍सर सवालों के घेरे में रहने वाले लखनऊ विकास प्राधिकरण में बड़े टेंडरों की तकनीकी जांच अब टेंडर कराने वाले इंजीनियर नहीं करेंगे। 40 लाख व इससे अधिक धनराशि के टू-बिड टेंडरों की तकनीकी जांच के लिए एलडीए अपने इंजीनियरों की एक अलग कमेटी तैयार करेगा। इस कमेटी द्वारा  तकनीकी जांच कर हरी झंडी देने के बाद ही टेंडर की वित्‍तीय बिड खोली जा सकेगी।

शुक्रवार को एलडीए अध्‍यक्ष व कमिश्‍नर लखनऊ डॉ. रोशन जैकब ने एलडीए में विकास व सौंदर्यीकरण के कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान तकनीकी बिड की जांच के लिए इंजीनियरों की कमेटी बनाने के निर्देश भी दिए हैं।

किसी भी टेंडर में नहीं लगना चाहिए एक महीने से ज्‍यादा

बैठक में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में लेटलतीफी की भी बात सामने आने पर कमिश्‍नर ने एलडीए अफसर व इंजीनियरों को काम में सुधार लाने की हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी प्रोजेक्ट का टेंडर कराने में एक महीने से ज्‍यादा का समय नहीं लगना चाहिए।

कमिश्‍नर ने पहले भी दिए थे स्‍पेशल सेल बनाने के निर्देश, लेकिन…

बताते चलें कि एलडीए में टेंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए पहले भी प्रयास किए जा चुके हैं। पूर्व में ‘राजधानी अपडेट’ ने भी इस बारे में खुलासा किया था किस तरह से कुछ इंजीनियर 40-50 लाख के बड़े कामों के कई भागकर एक की जगह पांच-छह निविदा करा पारदर्शी माने जाने वाली ई-टेंडर की प्रक्रिया से बच रहें।

यह भी पढ़ें- ई-टेंडर से बचने को LDA के इंजीनियर अपना रहें “टुकड़ों में टेंडर” वाला पैंतरा, जानें 50 लाख के काम के कैसे कर डाले छह हिस्‍से, मामला खुलने पर एक-दूसरे पर डाल रहें जिम्‍मेदारी

इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए कमिश्‍नर रोशन जैकब ने पिछले साल अक्‍टूबर में एलडीए अफसरों के साथ बैठक कर टेंडर प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए स्‍पेशल सेल बनाने के निर्देश भी दिए थे। हालांकि निर्देशों के बाद भी एलडीए की अधिकतर निविदा ई-टेंडर की जगह सामन्‍य प्रक्रिया से ही कराई जाती रही है। जिसको लेकर न सिर्फ सवाल उठते रहें हैं, बल्कि एलडीए में ठेकेदारों के बीच मारपीट की भी नौबत आ चुकी है।

यह भी पढ़ें- E-टेंडर की जगह चीफ कार्यालय में सामान्‍य निविदा करा रहा थे LDA के इंजीनियर, पाने के लिए ठेकेदारों में हुई जमकर मारपीट
राष्ट्र प्रेरणा स्थल के काम से कमिश्‍नर संतुष्‍ट

वहीं आज बैठक में एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने सबसे पहले राष्ट्र प्रेरणा स्थल के कार्यों की प्रगति रिपोर्ट पेश की, जिसमें कार्य संतोषजनक पाया गया।

लेसा, जल निगम व वन विभाग के साथ करें बैठक

इसके अलावा ग्रीन कॉरिडोर के अंतर्गत बंधा चौड़ीकरण व सड़क निर्माण में कुछ दिक्‍कतें सामने आने की बात पर कमिश्‍नर ने निर्देश दिए कि लेसा, जल निगम व वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करें। जिससे कि परियोजना में बाधा बन रहे पाइप लाइन व बिजली के पोल आदि को जल्‍द से जल्‍द रास्‍ते से हटाया जा सके।

यह भी पढ़ें- टेंडर के लिए एलडीए में फिर हुई ठेकेदारों में मारपीट, अधिकारी पर लगा निविदा वापस लेने का दबाव बनाने का आरोप, पुलिस ने शुरू की जांच

इसी तरह हेरिटेज जोन में पार्क तथा फसाड लाइटों के काम की दिक्‍कतों को दूर करने के लिए कमिश्‍नर ने एएसआइ, नगर निगम, जिला प्रशासन व ट्रस्ट के अधिकारियों के साथ बैठक करने का एलडीए के इंजीनियरों को आज निर्देश दिया।

साल के अंत तक पूरा हो पीएमएवाई

वहीं बसंतकुंज योजना के सेक्टर-आई में बन रहे प्रधानमंत्री आवास के बारे में कमिश्‍नर ने निर्देश दिया कि इस साल के आखिर तक सिविल के सभी काम हो जाने चाहिए।

लेकमैन के सुझाव से संवारे झीलें

इसके अलावा फूड कोर्ट का काम सितंबर 2023 तक तथा म्यूजियम का काम 15 अक्टूबर तक पूरा कराएं। वहीं बटलर झील, जमुना झील व सीजी सिटी स्थित झील के सौंदर्यीकरण के काम लेकमैन आनंद द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर कराएं।

यह भी पढ़ें- अब टेंडर पूलिंग, अवैध निर्माण व संपत्ति के रेकॉर्ड में छेड़छाड़ करने वालों पर टेक्‍नोलॉजी के जरिए ‘प्रहार’ करेगा LDA

बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, चीफ इंजीनियर अजय कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता संजीव गुप्‍ता, नवनीत शर्मा, मनोज सागर, केके बंसला व संजय जिंदल समेत अन्य इंजीनियर मौजूद रहें।