आरयू वेब टीम। अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए पांच भारतीयों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शनिवार को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया है। पीएलए ने मंगलवार को अवगत कराया था कि ऊपरी सुबनसिरी जिले में चीन-भारतीय सीमा से चार सितंबर को लापता हुए पांचों युवक, उनके द्वारा सीमा पार पाए गए थे।
सेना ने एक बयान में कहा, “भारतीय सेना ने सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद 12 सितंबर 2020 को किबिटू में सभी पांच व्यक्तियों को वापस ले लिया। अब कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार 14 दिनों के लिए व्यक्तियों को अलग रखा जाएगा और उसके बाद उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाएगा।
इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया था कि अरुणाचल प्रदेश के लापता हुए पांच युवकों को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) शनिवार को भारत को सौंप देगी। पीएलए ने पहले पुष्टि की थी कि लापता युवकों को उनकी सरजमीं से पाया गया था और हैंडओवर की प्रक्रिया के तौर-तरीकों पर काम किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ही थे जिन्होंने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की पुष्टि के बारे में खबर दी थी कि अरुणाचल प्रदेश से लापता पांच युवा उसे मिले हैं। बता दें कि युवा मामलों एवं खेल राज्य मंत्री रिजीजू अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले हैं और राज्य से एक सांसद हैं।
पांच युवकों के लापता होने की घटना तब सामने आयी जब सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश से कांग्रेस विधायक निनॉन्ग इरिंग ने दावा किया था कि चीन की पीपुल्स रिपब्लिक आर्मी ने भारत के पांच युवकों को कथित तौर पर अगवा कर लिया है। विधायक इरिंग ने पीएमओ को टैग कर मामला संज्ञान में लाया था। विधायक ने दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले के पांच लोगों को अगवा किया गया है। उन्होंने भारत सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की थी।
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जिन व्यक्तियों को चीनी सेना द्वारा कथित तौर पर अपहरण किया गया था उनकी पहचान तोच सिंगकाम, प्रसात रिंगलिंग, दोंग्तू इबिया, तानू बाकेर और एन दिरी के तौर पर हुई है। गत सोमवार को चीन ने पांचों युवकों के बारे में सवालों से पल्ला झाड़ लिया था और कहा था कि उसने ‘‘तथाकथित अरुणाचल प्रदेश’’ को कभी मान्यता नहीं दी।
गत मार्च में 21 वर्षीय युवक को पीएलए ने असापिला सेक्टर में मैकमोहन सीमा के पास से अगवा कर लिया था। उसके परिवार ने तब कहा था कि उसके दो मित्र बच निकले लेकिन तोग्ले सिन्काम को बंदूक के बल पर ले जाया गया। उसे चीन की सेना ने 19 दिन बाद रिहा किया।
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भारतीय सेना ने गत दो सितम्बर को तीन चीनी नागरिकों को भोजन, गर्म कपड़े और चिकित्सकीय सहायता मुहैया करायी थी जब वे उत्तर सिक्किम में 17500 फुट की ऊंचाई पर स्थित एक सीमा क्षेत्र में बेहद कम तापमान में अपना रास्ता भटक गए थे। क्षेत्र में तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों ने इन चीनी नागरिकों को चीन की ओर स्थित उनके गंतव्य तक पहुंचने का रास्ता भी बताया। इन चीनी नागरिकों में एक महिला भी शामिल थी।