आरयू ब्यूरो, लखनऊ। असद अहमद और अशरफ गुलाम एनकाउंटर पर सवाल उठा चुके अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर खुद तथ्यों की जांच करने के लिए शनिवार को झांसी पहुंचे। जहां आकर अमिताभ ठाकुर ने असद-गुलाम एनकाउंटर घटनास्थल का निरीक्षण कर कहा कि ये एनकाउंटर संदिग्ध है जो हत्या की ओर इशारा करता है। इसके अलावा अन्य बिन्दुओं को लेकर उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत भी की है। दूसरी ओर अधिकार सेना के राष्ट्रय अध्यक्ष के निरीक्षण से एसटीएफ के अफसरों में हड़कंप मचा गया है।
झांसी पहुंचे पूर्व आईपीएस ने असद-गुलाम एनकाउंटर के घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने पारीछा थर्मल पावर के आस-पास के इलाके का भी जायजा लिया। करीब आधे घंटे तक वहां मौजूद रहे। जिस स्थान पर गोली लगने के बाद असद गिरा था। उस स्थान पर पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर खुद लेट गए। साथ ही फोटो वीडियो भी खींची।
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पूर्व आइपीएस ने कहा कि ये एनकाउंटर संदिग्ध है, जो हत्या की ओर इशारा कर रहा है, मौके की परिस्थितियां, तथ्य और साक्ष्य के अलावा एसटीएफ की ओर से जारी गई फोटो-वीडियो और नवेंदु कुमार द्वारा दर्ज कराई गई एफआइआर में भारी विरोधाभास है। उनका कहना है कि पूरा ताना-बाना संदेहजनक है। मौके का निरीक्षण करने के बाद और भी तथ्य निकलकर सामने जरुर आएंगे।
अमिताभ ठाकुर ने मौके पर मौजूद पौधों, कटीली झाड़ियों और पत्थर आदि के आधार पर कई गंभीर सवाल उठाएं। साथ ही एसटीएफ द्वारा मृतकों को दो तरफ से घेरे जाने के दावे पर इस आधार पर प्रश्नचिन्ह लगाए कि जिन दो तरफ से मृतकों को घेरने की बात कही जा रही है उनमें एक ओर से रास्ता बंद है। साथ ही कहा कि वे इन समस्त तथ्यों को मजिस्ट्रेट जांच, दो सदस्य न्यायिक आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार के समक्ष रखेंगे और सुप्रीम कोर्ट के सामने भी प्रस्तुत करेंगे।
गौरतलब है कि यूपी के पूर्व आईपीएस ऑफिसर अमितभा ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटीशन दाखिल की है। उन्होंने पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने याचिका में कहा, अतीक और अशरफ की हत्या राज्य घोषित होने की पर्याप्त संभावना दिखती है। हत्या की जो पृष्ठभूमि है, उससे भी इसके राज्य घोषित होने की संभावना बढ़ जाती है।