आरयू ब्यूरो।
लखनऊ। काकोरी इलाके की हाजी कालोनी में रात करीब एक बजे तक एटीएस और संदिग्ध आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। दोनों ओर से करीब 40 राउंड गोलियां चल चुकी है। संदिग्ध आतंकी कालोनी के एक मकान में छिपे है।
एटीएस और पुलिस की टीम मकान के साथ ही उसके आसापास घेराबंदी कर मोर्चा संभाले है। आतंकी जिस कमरे में छिपे है, अब उसकी छत काटी जा रही है। पहले उनकी संख्या एक समझी जा रही थी, रात करीब दस बजे पता चला कमरे में दो आतंकी है। ऑपरेशन मेें जुटी टीम उन्हें जिंदा पकड़ने के प्रयास में है।
सूत्रों के अनुसार कानपुर निवासी कथित आतंकी सैफुल्ला उर्फ अली ने खुद को गोली मार ली है। चर्चा एटीएस के मार गिराने की भी है। हालांकि रात एक बजे तक इस बारे में अधिकारियों ने पुष्टि नहीं की है।
डीजीपी कार्यालय के मुताबिक लखनऊ में रह रहे संदिग्ध आतंकियों के बारे में सूचना मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा मिली थी। आज दोपहर करीब तीन बजे एटीएस और पुलिस की टीम सूचना के आधार पर हाजी कालोनी के एक मकान में संदिग्धों को पकड़ने पहुंची थी। पुलिस ने जब संदिग्ध को आत्मसमर्पण के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। उसका कहना है कि मैं शहादत चाहता हूं।
संदिग्धों के तार आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े है। इनकी संख्या दो से तीन तक होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि करीब दो महीने से खुद को छात्र बताकर तीन युवक मलिहाबाद निवासी बादशाह खान के हाजी कालोनी स्थित मकान में किराए पर रह रहे थे। जिसमें से एक का नाम सैफुल्ला बताया जा रहा है। सैफुल्ला की जानकारी कानपुर में गिरफ्तार हुए अन्य आरोपितों से पूछताछ के दौरान पुलिस को मिली।
आपरेशन की कमान एडीजी कानून व्यवस्था दलजीत चौधरी के हाथों में है। वहीं डीजीपी जावीद अहमद भी पूरे ऑपरेशन पर पैनी नजर रखे हुए हैं। साथ ही एटीएस कमांडो की बागडोर आईजी एटीएस असीम अरुण संभाले हैं।
उनके साथ डीआईजी प्रवीण कुमार पुलिस के जवानों को निर्देशित कर रहे। ऑपरेशन के लिए 20 स्पेशल कमांडो भी मौके पर पहुंच चुके हैं। शाम करीब छह बजे आईजी ए सतीश गणेश एसएसपी मंजिल सैनी भी पहुंची।
शुरूआत में एडीजी लॉ एंड आर्डर यूपी दलजीत चौधरी का अनुमान था कि संदिग्ध आतंकी लखनऊ का ही रहने वाला है और उसके पास एके-47 हथियार है, जिससे वह फायरिंग कर रहा है। साथ ही भारी मात्रा में विस्फोटक होने की भी संभावना है।
ATS ने मकान से सुरक्षित निकाला परिवार
बदशाह के मकान में संदिग्धों के अलावा रोडवेज डिपो में काम करने वाले महबूब की पत्नी और तीन बेटियां भी रहती है। एटीएस और पुलिस ने मकान को घेरने के करीब दो घंटे बाद शाम पांच बजे महबूब के पत्नी व बच्चियों को मकान से सुरक्षित निकालने में कामयाबी पाई।
पत्नी बच्चों के फंसने की बात सुनकर डिपो से मौके पर पहुंचे महबूब ने परिवार के सुरक्षित निकलने पर राहत की सांस ली। इसके साथ ही बगल के मकान को भी खाली करा दिया गया है।
भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस के छूटे पसीने
इलाके में आतंकियों की सूचना पर कुछ ही देर में घर के आसपास हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए। पुलिस जनता को फायरिंग रेंज से दूर रखने के लिए पूरी कोशिश कर रही थी। बाद में रस्सी से बैरेकेटिंग कर उसने कुछ हद तक भीड़ को कंट्रोल किया।
किसी आपात स्थिति के लिए एम्बुलेंस भी मौके मंगाई गई है। अंधेरा होने पर नाइट विजन कैमरे के साथ ही रोशनी के भी प्रबंध किए गए है। इसके अलावा विधि विज्ञान प्रयोगशाल के विशेषज्ञ भी मौके पर हैं।
शहर में हाईअर्लट जारी
आतंकी मुठभेड और ट्रेन धमाकों को देखते हुए राजधानी के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन बस अड्डे व अन्य जगहों पर हाईअर्लट जारी कर दिया गया।
आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि संदिग्ध को बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है। कमरे के अंदर का व्यक्ति रूक-रूक कर फायर कर रहा है। हम लोग चीली बम और आंसू गैस के गोले के जरिए उसे निकालने का प्रयास कर रहे है। जानकारी के अनुसार उसके पास पर्याप्त हथियार है।