अयोध्‍या का इतिहास बताएंगे कई भाषाओं के जानकार गाइड, पर्यटन मंत्री ने दिया आइकार्ड व लाइसेंस

अयोध्‍या प्रशिक्षित गाइड
प्रशिक्षित गाइड के साथ पर्यटन मंत्री व अन्‍य अफसर।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। राम मंदिर में दर्शन का सिलसिला शुरू होने के बाद अब अयोध्‍या के इतिहास व सांस्‍कृतिक महत्‍व के बारे में अब पर्यटकों को प्रशिक्षित गाइड जानकारी देंगे। हिंदी, अंग्रेजी व बांग्ला समेत कई भाषाओं के जानकार इन गाइडों को आज गोमतीनगर स्थित पर्यटन भवन में ने लाइसेंस और आइडी कार्ड दिया।

इस मौके पर जयवीर सिंह ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर लोकार्पण के बाद देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहें। इन्हें अयोध्या के इतिहास व अलौकिक नई अयोध्या के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने में प्रशिक्षित गाइड महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

इन गाइडों को मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट आफ टूरिज्म मैनेजमेंट लखनऊ से बांग्ला, गुजराती, नेपाली, तेलगू तथा अन्य दक्षिण भाषाओं में प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि ये गाइड दक्षिण भारत तथा दूसरे हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी होंगे। साथ ही सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम बनेगे।

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पर्यटन मंत्री ने आज कुल 22  टूरिस्ट गाइड को लाइसेंस व पहचान पत्र दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर से करीब दो लाख से ढाई लाख श्रद्धालु प्रतिदिन अयोध्या पहुंच रहे हैं। इसमें दक्षिण भारत से विभिन्न भाषायें बोलने वाले शामिल हैं। इनको अयोध्या के इतिहास एवं वर्तमान स्वरूप के बारे में विधिवत जानकारी देने के लिए टूरिस्ट गाइड तैयार किये गये हैं।

47 गुजराती, 39 तेलगू, 27 बंगाली और 23 नेपाली भाषा के जानकार

जयवीर सिंह ने बताया कि इन गाइडो में 47 गुजराती, 39 तेलगू, 27 बंगाली और 23 नेपाली भाषा के जानकार हैं। इन्हें अंग्रेजी व हिन्दी भाषा का भी ज्ञान है। कुछ गाइड मराठी, पंजाबी, सिन्धी, तमिल, कन्नड़, फ्रेंच, रसियन और कोरियाई भाषा में भी संवाद करने में सक्षम हैं। इसके अलावा यह 14 भाषाओं में जानकारी उपलब्ध करा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग ने इन्हें दस साल के लिए लाइसेंस जारी किया है। इन गाइडों को टूरिस्ट गाइड के रूप में रोजगार के साथ आमदनी भी होगी।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि संस्थान द्वारा जिन छात्रों को लाइसेंस दिया गया है, इसमें 100 से ज्यादा अयोध्या और अन्य आसपास के जिलों से हैं। इसलिए अयोध्या के धार्मिक, अध्यात्मिक, भौगौलिक, सामाजिक, आर्थिक और ऐतिहासिक स्थिति से पहले से परिचित हैं। प्रशिक्षण के दौरान इनको अयोध्या में हो रहे बदलावों और भविष्य की आवश्यकताओं से परिचित कराया गया है। इन छात्रों को फिल्ड विजिट भी कराया गया है। अयोध्या में काम करने वाले टूरिस्ट गाइड ने भी इन छात्रों को प्रशिक्षण दिया है। इस प्रकार सभी छात्रों को सैद्धांतिक और व्यावहारिक रूप से प्रशिक्षित किया गया है।

अलौकिक आस्था का केंद्र बनती जा रही अयोध्या: मुकेश मेश्राम

वहीं प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा धर्मार्थ कार्य मुकेश मेश्राम ने इस अवसर पर कहा कि पर्यटन विभाग ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद अलौकिक आस्था का केंद्र बनती जा रही अयोध्या के बारे में और सम्पूर्ण इतिहास की जानकारी देने के लिए इन गाइडों को तैयार किया है। इससे गाइडों को आमदनी साथ ही दर्शनार्थियों को सुविधा भी होगी। उन्होंने प्रशिक्षित टूरिस्ट गाइडों को सफलता के लिए शुभाकामनाएं दी।

इस मौके पर निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्र तथा उपनिदेशक मुख्यालय कल्याण सिंह समेत अन्य अफसर भी मौजूद रहें।