तीर्थाटन-पर्यटन की नजर से उत्तर प्रदेश है अत्यंत समृद्ध: योगी

आध्यात्मिक पर्यटन
संवाद कार्यक्रम में बोलते मुख्यमंत्री।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। आध्यात्मिक पर्यटन से जोड़कर अन्य तरह के पर्यटन का विकास करना जरूरी है। साथ ही अब हेरिटेज और इको टूरिज्म भी आकर्षण का केंद्र बन गया है। हमारा हर पर्व और त्योहार युग परिवर्तन की किसी न किसी घटना से जुड़ा है।

उक्‍त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के विकास संवाद कार्यक्रम-दो में कही। इस दौरान मुख्‍यमंत्री ने तीर्थाटन-पर्यटन और क्षेत्रीय विकास के मुद्दे पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश, तीर्थाटन-पर्यटन की नजर से अत्यंत समृद्ध है।

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योगी ने कार्यक्रम में कहा कि हमने दीपोत्सव के कार्यक्रम को अयोध्या के पर्यटन से जोड़ा है। इसी कड़ी में देव दीपावली महोत्सव के साथ रामायण महोत्सव आयोजित किया गया। इसी का नतीजा है कि आज अयोध्या में निवेश के लिए होटल उद्योग ने इच्छा जताई है।

योगी ने कहा कि साहस से उठाए कदम बदलाव के कारक बने। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज रखा। प्रयागराज कुंभ सुरक्षा, सुव्यवस्था और स्वच्छता का एक अद्वितीय उदाहरण बन गया है। तीर्थाटन को पर्यटन से जोड़ने पर रोजगार भी बढ़ा है। इसी बेहतर प्रस्तुतिकरण से दुनिया आकर्षित होगी। आध्यात्मिक पर्यटन में भी नए प्रयोग आवश्यक हैं, इसीलिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण बनाया गया है। साथ ही ब्रज भूमि विकास के लिए भी योजना बनाई गई। वहीं अब काशी विश्वनाथ दर्शन के लिए 100 फिट चौड़ा रास्ता मिलेगा।

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वहीं सीएम योगी ने आगे कहा कि नेपाल की तराई में इको टूरिज्म के अवसर बने। सुरक्षा के लिए टूरिस्ट पुलिस का गठन हुआ। तीर्थाटन और पर्यटन दोनो ही क्षेत्रों में कार्य की आवश्यकता है। आध्यात्मिक, हेरिटेज, इको और मेडिकल टूरिज्म, सभी क्षेत्रों में कार्य करने की जरूरी है।

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