आरयू ब्यूरो,लखनऊ/प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक आपराधिक मामले में जमानत दे दी। हालांकि, इसके बाद भी आजम खान अभी जेल में ही रहना होगा, क्योंकि उनके खिलाफ दो और मामले लंबित हैं, जिन पर फैसला आना बाकी है।
दरअसल आज सुनवाई के बाद कोर्ट ने आजम खान को जमीन पर कब्जा करने के मामले में जमानत दी है। वह फिलहाल सीतापुर जेल में बंद है। समाजवादी पार्टी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खान उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ रहे हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट से जमानत की मांग की थी, लेकिन उन्हें बेल नहीं मिली थी।
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीम फातिमा भी लंबे अरसे तक जेल में रहे। फिलहाल दोनों जमानत पर बाहर हैं। अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ रहे हैं। उन्हें समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया है।
वहीं उनके पिता आजम खान फरवरी 2020 से जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ भैंस और बकरी चोरी से लेकर जमीन पर कब्जा करने तक के कुल 87 मामले दर्ज हैं। साल 2017 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद दो सालों के भीतर उनके खिलाफ 84 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 81 मामले साल 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले और उसके ठीक बाद के दौरान दर्ज किए गए थे। फिलहाल जमीन कब्जाने के एक मामले से हाई कोर्ट ने उन्हें राहत दी है, लेकिन दो और मामले लंबित होने के कारण आजम खान फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
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मालूम हो कि आजम खान के अधिवक्ता की तरफ से उन पर दर्ज यतीमखाना प्रकरण मामले में डिस्चार्ज एप्लीकेशन लगाई गई थी। कोर्ट ने मंगलवार को बहस के बाद डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज कर दी है। रामपुर के थाना कोतवाली में ये मुकदमे दर्ज हुए थे। अब इस मामले में आरोप तय होंगे। आरोप तय होने के लिए कोर्ट ने 9 मार्च की तारीख लगाई है और सभी मुल्जिमों को पेश होने के लिए कहा है।