आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व सांसद आजम खान को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने डूंगरपुर बस्ती में मारपीट, डकैती और आपराधिक षड्यंत्र के मामले में अपना फैसला सुना दिया है। जिसमें आजम खान समेत अन्य सातों आरोपित बरी हो गए हैं। इस मामले में मंगलवार को ही सुनवाई पूरी हो गई थी, लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसे आज बुधवार को सुनाया गया है। जेल में बंद होने के दौरान आजम दूसरी बार पेशी के लिए रामपुर लाए गए।
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दरअसल, रामपुर के गंज थाना क्षेत्र के डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के आरोप में 12 मुकदमे 2019 में दर्ज हुए थे। इन केसों में आजम खान सहित पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, ठेकेदार बरकत अली, रिटायर्ड सीओ आले हसन, फिरोज खां, रानू खां, धर्मेंद्र चौहान, फसाहत अली खां शानू को आरोपी बनाया गया था। इनके खिलाफ घर में घुसकर मारपीट और डकैती और आपराधिक षड्यंत्र रचने की धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि सपा सरकार में आजम खान के इशारे पर ही पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। इतना ही नहीं उनके साथ मारपीट और लूटपाट की गई। मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त किया गया था। बयानों के आधार पर पुलिस ने इस मामले में पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, ठेकेदार बरकत अली, रिटायर्ड सीओ आले हसन, फिरोज खां, रानू खां, धर्मेंद्र चौहान, आजम खान को आरोपी बनाया था। इसके साथ ही उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी।
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बता दे कि सपा नेता और पूर्व सांसद आजम खान अपने बेटे व सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सजा काट रहे हैं। अक्टूबर 2023 में एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे को दोषी करार दिया था। इसके साथ ही तीनों को सात-सात साल की सजा सुनाई थी। फैसला आते ही आजम खान को परिवार सहित कोर्ट से ही जेल भेज दिया गया था।