आरयू ब्यूरो, लखनऊ/रामपुर। समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। आजम खान के बेटे और रामपुर की स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी है, यानि अब अब्दुल्ला विधायक नहीं रहेंगे।
हाईकोर्ट ने चुनाव के वक्त गलत उम्र बताने के चलते उनकी सदस्यता रद्द कर दी है। कोर्ट ने चुनाव के दौरान दिए गए उनके हलफनामे में उम्र को गलत पाया है। चुनाव के वक्त न्यूनतम निर्धारित 25 साल की उम्र नहीं थी। हालांकि, पूरे मामले को लेकर अब्दुल्ला आजम का कहना था कि प्राइमरी में दाखिला के समय अध्यापक ने जन्मतिथि स्वयं दर्ज कर ली थी।
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अब्दुल्ला आजम ने कोर्ट को बताया था कि जब वे एमटेक कर रहे थे तो हाई स्कूल सहित अन्य प्रमाणपत्रों में दर्ज जन्मतिथि उन्होंने परिवर्तन करा ली है, जबकि हाईस्कूल में जन्मतिथि परिवर्तित कराने के लिए सीबीएसइ बोर्ड को भी अर्जी दी गई है, जो कि लंबित है। अब्दुल्ला ने बताया कि उनके पासपोर्ट पर जन्मतिथि संशोधित हो चुकी है। अब्दुल्ला ने कहा कि उनका जन्म क्वींस मैरी हॉस्पिटल लखनऊ में 30 सितंबर 1990 को हुआ था।
मालूम हो कि इस मामले में साल 2017 में बसपा के नेता नवाब काजिम अली ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया कि विधानसभा चुनाव दौरान अब्दुल्ला आजम ने हलफनामे में अपनी उम्र की गलत जानकारी दी थी। नवाब काजिम अली ने चुनाव अर्जी में अब्दुल्ला को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य बताते हुए उनका निर्वाचन रद्द किए जाने और रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से नए सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की थी।
काजिम अली ने अपनी याचिका मे कहा था कि वर्ष 2017 में चुनाव के वक्त आजम खान के बेटे न्यूनतम निर्धारित उम्र 25 वर्ष के नहीं थे। चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने फर्जी कागजात दाखिल किए थे और झूठा हलफनामा दाखिल किया था। बसपा नेता की ओर से अब्दुल्ला आजम की 10वीं कक्षा की मार्कशीट के साथ कई अहम दस्तावेजों में दर्ज जन्मतिथि को आधार बनाया गया था।