आरयू संवाददाता, प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश हुए, जहां उन्होंने अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने अपने निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को राजनीति से प्रेरित बताया।
अब्दुल्ल ने कहा कि बगैर किसी तथ्य के उनकी जन्मतिथि को लेकर उन्हें अदालत में घसीटा जा रहा है। अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी गलती है कि उनके वालिद रामपुर से लोकसभा चुनाव जीत गए, इसीलिए उन्हें तरह-तरह के मुकदमे दर्ज कर परेशान किया जा रहा है।
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अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका में उनके चुनाव लड़ने की योग्यता पर सवाल खड़े करते हुए उनका निर्वाचन रद्द करने की मांग की गई है। अदालत में पेश हुए अब्दुल्ला आजम ने कोर्ट को बताया कि जब वे एमटेक कर रहे थे तो हाई स्कूल सहित अन्य प्रमाणपत्रों में दर्ज जन्मतिथि उन्होंने परिवर्तन करा ली है, जबकि हाईस्कूल में जन्मतिथि परिवर्तित कराने के लिए सीबीएसइ बोर्ड को भी अर्जी दी गई है, जो कि लंबित है।
अब्दुल्ला आजम ने कोर्ट को बताया कि उनके पासपोर्ट पर जन्मतिथि संशोधित हो चुकी है। अब्दुल्ला ने कहा कि उनका जन्म क्वींस मैरी हॉस्पिटल लखनऊ में 30 सितंबर 1990 को हुआ था। अब्दुल्ला आजम का बयान अधिवक्ता एनके पांडेय के जरिए दर्ज कराया गया, जबकि पारिवारिक मित्र शाहजेब ने भी कोर्ट में गवाही दी कि वे अब्दुल्ला को नर्सरी कक्षा में प्रवेश कराने गये थे। उन्होंने कोर्ट को बताया कि अध्यापक ने जन्मतिथि स्वयं दर्ज कर ली। इससे पहले 31 जुलाई को अदालत में अब्दुल्ला की मां तन्जीम फातिमा, डॉ उमा, विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित कुल नौ गवाहों के बयान हो दर्ज चुके हैं।
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नवाब काजिम अली की ओर से दाखिल चुनाव याचिका में हाईस्कूल की जन्मतिथि के आधार पर चुनाव लड़ने को अयोग्य करार देते हुए चुनाव रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि अब्दुल्ला की उम्र चुनाव लड़ते समय 25 वर्ष नहीं थी। उन्होंने गलत जन्मतिथि दर्ज कराकर चुनाव लड़ा, जिसके आधार पर चुनाव रद्द किया जाए 11 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।