आरयू संवाददाता, प्रयागराज। काफी समय से एक के बाद एक एफआइआर झेल रहे समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आजम के खिलाफ दर्ज 29 एफआइआर पर रोक लगाई है। एफआइआर पर रोक के बाद अब इन मामलों में आजम खान की गिरफ्तारी नहीं होगी।
साथ ही कोर्ट ने आजम खान की एफआइआर रद्द करने की मांग ठुकरा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार, रामपुर डीएम और एसएसपी से जवाब मांगा है। कोर्ट ने भाजपा नेता जयाप्रदा को नोटिस जारी कर हलफनामा मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी।
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बता दें कि आजम खान के खिलाफ 27 किसानों और एक रेवेन्यू इंस्पेक्टर ने एफआइआर दर्ज कराई थी। सपा नेता के खिलाफ किसानों की जमीन हड़पने से लेकर किताबें चोरी, भैंस चोरी और बकरी चोरी समेत 80 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस मंजू रानी चौहान की डिविजन बेंच ने आजम की याचिका पर सुनवाई की और उनके खिलाफ दर्ज 29 मामलों पर रोक लगा दी। बताया जा रहा है कि इस आधार पर अब आजम को दूसरे मुकदमों में भी राहत मिल सकती है।
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इससे पहले मंगलवार को रामपुर स्थित आजम खान के आवास के मेन गेट पर उनके खिलाफ जमीन हड़पने समेत तमाम केसों से जुड़े कोर्ट नोटिस चिपकाए गए थे। रामपुर के गंज पुलिस स्टेशन के अधिकारियों द्वारा आजम खान के आवास के मेन गेट पर नोटिस चस्पा किए थे। नोटिस में आजम खान के अलावा उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम का नाम भी शामिल था। आजम के खिलाफ अब तक 84 मामले दर्ज हो चुके हैं।
इनमें से अधिकतर मामले जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन से संबंधित हैं। जमीन हड़पने के अलावा उनके खिलाफ भैंस चोरी, बकरी चोरी, किताब चोरी, जेल की जमीन पर कब्जे, चुनाव के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग करने, अवैध रूप से संपत्ति हथियाने, हरे पेड़ों को कटवाने जैसे करीब छह दर्जन से ज्यादा केस जुड़ गए हैं। हाल ही में आजम के खिलाफ 2013 के एक मामले में 16,500 रुपये लूटने का मुकदमा दर्ज हुआ था।