आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और धर्म सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष दुबे सोमवार को लखनऊ की सीबीआइ विशेष अदालत में पेश हुए। कड़ी सुरक्षा के बीच कल्याण सिंह को कोर्ट में पेश किया गया। मीडिया के भारी जमावड़े के कारण पुलिस ने कोर्ट परिसर के दरवाजे बंद कर दिए।
विवादित ढा़ंचा गिराये जाने के मामले में कुल 49 लोगो को आरोपित बनाया गया था। इसमें से 32 लोगों के बयान दर्ज हो रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा कि केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने निराधार आरोप लगाकर मेरे खिलाफ मुकदमा चलाया। उन्होंने कहा कि उस समय प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के नाते कानून-व्यवस्था को लेकर जो भी मेरी जिम्मेदारी थी मैंने उसका पूरी तरह पालन किया।
कल्याण सिंह ने कहा कि उस समय ढांचे की सुरक्षा के लिए यूपी सरकार ने त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की थी। इस संबंध में तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को लगाया गया था और सरकार पूरी तरह सजग थी। इसमें कहीं पर भी सरकार की तरफ से किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई। तत्कालीन कांग्रेस की केंद्र सरकार ने इस पूरे प्रकरण में राजनीतिक विद्वेष के चलते मुझे फंसाया गया।
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वहीं कोर्ट पहुंचे धर्म सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष दुबे ने कहा कि ढांचा ढहाने में उनका हाथ नहीं है, लेकिन उनकी हमेशा ये चाहत रही की वहां पर एक भव्य राम मंदिर बने और इसके लिए वह काम करते रहेंगे। संतोष दुबे ने राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार द्वारा बनाये गए ट्रस्ट पर भी सवाल उठाये। संतोष ने कहा ट्रस्ट में जो लोग शामिल किये गए है उनका राम मंदिर से कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि इससे पहले उमा भारतीय और साध्वी श्रतंबरा के साथ ही कई लोगों ने सीबीआइ की विशेष अदालत में इन सभी के बयान दर्ज किए गए हैं। इस मामले में सीबीआइ ने जांच करते हुए 49 आरोपितों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। वहीं 17 आरोपितों की मौत हो चुकी है।