आरयू संवाददाता,
इलाहाबाद। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। उनके खिलाफ दायर की गई जनहित याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका में नोएडा के बादलपुर गांव की जमीन को अधिग्रहण मुक्त कराकर बेचने का आरोप लगाया था।
याचिकाकर्ता संदीप भाटी ने याचिका में इस जमीन पर अवैध निर्माण की सीबीआइ जांच कराने की मांग की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंण्डपीठ ने आज याचिका खारिज कर दिया।
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वहीं 2017 में हाईकोर्ट ने बसपा सुप्रीमो मायावती इनके पिता प्रभु दयाल व भाई आनन्द कुमार को नोटिस जारी किया था। इन पर आबादी की 47433 वर्गमीटर खेती की जमीन को आबादी घोषित कराकर करोड़ों के मुआवजे के घोटाले का आरोप है। याचिका में इनके खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग की गई थी।
मालूम हो कि जमीन पर बसपा सुप्रीमो मायावती का विशाल भवन बना है, जिस जमीन पर भवन बना हुआ है, पहले वह मायावती और उनके पिता प्रभुदयाल के नाम पर थी। हालांकि, बाद में मायावती ने दान रजिस्ट्री से इसे अपने भाई आनंद कुमार व एक अन्य के नाम करा दिया था।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि मायावती ने सत्ता का दुरुपयोग कर जमीन का प्राधिकरण से आवंटन कराया है। मायावती ने 2002 से 2005 के बीच गांव के आधा दर्जन किसानों से पचास बीघा जमीन खरीदी थी।
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