अखिलेश ने विकास तो भाजपा-बसपा ने सांप्रदायिकता का लिया सहारा: नरेश उत्‍तम

स्‍वांग रच रही भाजपा

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। एक ओर चुनाव मतदान के बाद एग्जिट पोल के नतीजे भाजपा के पक्ष में आने के बाद अखिलेश यादव के बसपा के साथ गठबंधन की चर्चा चल रही है तो दूसरी ओर आज सपा के प्रदेश अध्‍यक्ष नरेश उत्‍तम ने एक बयान जारी कर भाजपा के साथ ही बसपा पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। विधानसभा चुनाव का फैसला आने के ठीक एक दिन पहले सपा प्रदेश अध्‍यक्ष के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

श्री उत्‍तम ने फिर से प्रदेश में सपा की सरकार बनने की उम्‍मीद जताते हुए कहा कि उन्‍हें पूरा विश्वास है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व को जनता का दोबारा भरपूर समर्थन मिलेगा। धर्मनिरपेक्षता की जीत होगी और प्रदेश में एक बार फिर से समाजवादी सरकार बनेगी।

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नरेश उत्‍तम ने भाजपा और बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जहां अपना चुनाव प्रचार विकास कार्यों और अपनी उपलब्धियों पर केंद्रित रखा। वहीं भाजपा और बसपा ने सांप्रदायिकता और जातीयता का सहारा लेकर मतदाताओं को वरगलाने का काम किया।

उन्‍होंने यह भी कहा कि नीतिगत बहस की जगह दोनों पार्टी के नेता व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप तक केंद्रित रहे। विपक्षी इस पूरे चुनाव में गलत भाषा का इस्तेमाल करते रहे। उनकी नकारात्मक आलोचनाओं को जनता ने पसंद नहीं किया। बल्कि उसे यूपी में ये साथ पसंद रहा।

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कानून-व्यवस्था पर उंगली उठाने वालों को मिला करारा जवाब

सपा-कांग्रेस के गठबंधन को समर्थन देने वाली जनता का आभार जताते हुए श्री उत्‍तम ने कहा कि प्रदेश की जनता ने जिस उत्साह और शान्तिपूर्ण ढंग से रिकार्ड मतदान किया वह प्रदेश में लोकतान्त्रिक, धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करेगा। चुनाव के शान्तिपूर्ण बीतने से उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर उंगली उठाने वालों को करारा जवाब मिल गया है।

प्रदेश अध्‍यक्ष ने दावा किया कि इस पूरे चुनाव में मतदाताओं के सामने एक ओर अखिलेश यादव के पांच साल के काम बोल रहे थे, तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात का जवाब नहीं दे रहे थे कि उन्होंने तीन सालों के अब तक के कार्यकाल में विकास के कौन से काम किए।