आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई व साथियों पर किशोरी से गैंगरेप और उसके पिता की हत्या का आरोप लगने पर जहां प्रदेश से लेकर देशभर में भाजपा को जवाब देते नहीं बन रहा है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी आज कानून-व्यवस्था को लेकर योगी सरकार के साथ ही मोदी सरकार समेत अप्रत्यक्ष रूप से राज्यपाल पर भी निशाना साधा है।
सपा मुख्यायल पर मंगलवार को अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था की बात करते हुए कहा कि आज स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश में अपराधों पर कोई रोक नहीं है। न्याय की बात सुनने वाला भी कोई नहीं है। बेटी बचाओं का नारा देने वालों के राज में रोज ही बच्चियां दुष्कर्म की शिकार हो रही हैं। जबकि योगी सरकार बलात्कारियों के बचाव में लगी है।
सपा सरकार में कानून-व्यवस्था को लेकर राज्यपाल राम नाईक द्वारा आपत्ति जताने की बात को याद करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राजभवन जो पहले बहुत सक्रिय रहता था, आजकल मौन है। जबकि चारों ओर मंहगाई और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सपा सरकार से भाजपा सरकार के काम का कोई मुकाबला नही है। इसलिए विकास के झूठे दावे किए जा रहे हैं। इनवेस्टर्स समिट का बड़ा हल्ला मचा, लेकिन प्रदेश में पूंजी और उद्योग लगाने का वादा करने वाले कहां गुम हो गये पता नहीं।
अखिलेश यादव ने आज पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का एजेण्डा विकास है और उसका लक्ष्य सामाजिक सद्भाव तथा लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करना है। राजनीति में जाति-धर्म का घालमेल नहीं होना चाहिए। भाजपा द्वारा समाज के ध्रुवीकरण की खतरनाक राजनीति से जनता को सचेत और सतर्क करने में हमें जरा भी चूक नहीं करनी चाहिए।
टूट गयी भाषा की मर्यादा
सपा अध्यक्ष ने भाजपा पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि भाजपा का छुपा एजेण्डा है कि समाज में असंतोष पैदा हो और विषमता में वृद्धि हो। गोरखपुर और फूलपुर में समाजवादी पार्टी की शानदार जीत से भाजपा के भाषा की मर्यादा टूट गई है। सपा और बसपा के परस्पर सहयोग को षडयंत्र बताया जा रहा है। भाजपा अपने कुप्रचार से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को प्रभावित करना चाहती है।
सामाजिक न्याय विरोधी है भाजपा और आरएसएस की नीतियां
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा के साथ ही राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ को निशाने पर लेते हुए कहा कि दोनों की नीतियां सामाजिक न्याय विरोधी हैं। जबकि सपा का मानना है कि आबादी के हिसाब से अधिकार और अवसर मिलना चाहिए।
भूखे सोने को मजबूर है 20 करोड़ लोग
वहीं मोदी सरकार की नीतियों को निशाने पर लेते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जिस समाज में घोर गरीबी और बेरोजगारी हो वहां भाजपा समरसता की बात कैसे कर सकती है? 20 करोड़ लोग भूखे सोने को मजबूर हैं। कर्ज, बेकारी और गरीबी से तंग आकर चार वर्ष में लगभग 50 लाख किसान खेती छोड़कर पलायन कर गए हैं। हर महीने करीब एक हजार किसान आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि दुनिया के किसी भी देश में किसान आत्महत्या नहीं करता है। किसानों पर 12 लाख 60 हजार करोड़ का कर्ज है। जबकि बड़े पूंजीपति घरानों का 17 लाख करोड़ रूपए का ऋण माफ कर दिया गया।
पीड़िता से मुलाकात करेगी सपा की महिला टीम
वहीं गैंगरेप के बाद अपने पिता को खोने का दर्द सह रही उन्नाव की किशोरी से मिलने के लिए सपा अध्यक्ष ने आज पांच महिला नेताओं की टीम बनायी है। महिला पदाधिकारियों की टीम कल उन्नाव पहुंचकर पीड़िता से मिलने के बाद मामले को और गहराई से समझेगी। ये जानकारी देते हुए सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि टीम में सपा महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष गीता सिंह के अलावा जानकी पाल, रचना कोरी, रेनू बाला समेत महिला सभा उन्नाव की जिलाध्यक्ष प्रभा यादव शामिल हैं। बुधवार को दल पीड़िता के घर पहुंचकर उससे व उसके परिजनों से मुलाकात करेगा।
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