आरयू वेब टीम। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के नागपुर में मंगलवार को विजयादशमी के मौके पर ‘शस्त्र पूजा’ की। इस मौके पर स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस दौरान भागवत ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के कदम की तारीफ की।
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साथ ही कहा कि मोदी सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उसमें लोगों की उम्मीदों को पूरा करने और देश के हित में लोगों की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान करने का साहस है। इससे साबित हो गया कि सरकार कठोर निर्णय लेने की क्षमता रखती है। इस दौरान मॉब लिंचिंग को लेकर संघ प्रमुख ने कहा कि लिंचिंग के रूप में सामाजिक हिंसा की कुछ घटनाओं को ब्रांड करना वास्तव में हमारे देश, हिंदू समाज को बदनाम करने और कुछ समुदायों के बीच भय पैदा करने के लिए है।
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मोहन भागवत ने कहा कि देश में ऐसी कुछ घटनाएं देखने को मिलती है और हर तरफ से देखने को मिलती हैं। कई बार तो ऐसा भी होता है कि घटना होती नहीं है, लेकिन उसे बनाने की कोशिश की जाती है। संघ का नाम लिंचिंग की घटनाओं से जोड़ा गया, जबकि संघ के स्वयंसेवकों का ऐसी घटनाओं से कोई संबंध नहीं होता। लिंचिंग जैसा शब्द भारत का है ही नहीं, क्योंकि भारत में ऐसा कुछ होता ही नहीं था।