आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। रविवार की देर रात चिनहट के लोनापुर गांव में चाकू से गोदकर सो रहे माली की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके छोटे भाई ने ही की थी। अविवाहित धर्मराज के छोटे भाई की पत्नी पर गलत निगाह डालने से परेशान धर्मपाल ऊर्फ राजू ने अपने दोस्त के साथ मिलकर सो रहे भाई को मौत के घाट उतार दिया था।
आज चिनहट पुलिस ने धर्मपाल के साथ ही उसके बाराबंकी लोनी कटरा निवासी दोस्त सोनू को गिरफ्तार करने के साथ ही घटना में इस्तेमाल चाकू भी बरामद कर लिया। सीओ गोमतीनगर ने प्रेसवार्ता कर बताया कि धर्मराज की शादी नहीं हुई थी, जबकि छोटा भाई धर्मपाल पत्नी के साथ भाई के ही मकान में रहता था। धर्मराज के छोटे भाई की पत्नी पर गलत नियत रखने की वजह से दोनों में कई बार झगड़ा हो चुका था।
घटना वाली शाम धर्मपाल ससुराल जाने की बात कहकर चला गया था, लेकिन रात करीब तीन बजे अपने दोस्त के साथ लौटा और दोनों ने मिलकर सब्जी वाले चाकू से धर्मराज की हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद वह वापस लौट गया।
मकान से निकाले जाने का भी था डर
धर्मपाल ने पुलिस को बताया कि दोनों भाईयों ने बाराबंकी की अपनी पैतृक जमीन बेचकर लोनापुर में दो प्लॉट खरीदे थे। बाद मे शादी के दौरान धर्मपाल ने अपना प्लॉट बेचकर कुछ पैसे शादी में लगा दिए जबकि बाकी के पैसों से भाई की जमीन पर मकान बनवा दिया। पत्नी पर गलत निगाह के चलते दोनों में झगड़ा होने लगा तो धर्मराज ने पति-पत्नी को ही घर से निकालने की धमकी दी थी। साथ ही अपनी शादी की तैयारी भी कर रहा था। इन्हीं परिस्थितियों के बीच सड़क पर आने के डर से भी उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर भाई को रास्ते से हटाने की ठान ली थी।
यह भी पढ़े- छत पर सो रहे माली की धारदार हथियार से हत्या
भाई की हत्या के बदले सोनू को देने थे एक लाख रुपए
सोनू भले ही धर्मपाल के मोहल्ले का होने के साथ ही बचपन का दोस्त था, लेकिन धर्मपाल ने उसे भाई की हत्या के बाद एक लाख रुपए देने की बात कही थी। पुराने संबंध और अपराधिक प्रवृत्ति का होने के साथ ही एक लाख रुपए की बात सुनते ही सोनू हत्या करने के लिए राजी हो गया।
बता दें कि घटना के बाद से ही माना जा रहा था कि माली को उसके किसी करीबी ने ही मौत के घाट उतार है। एसपी नार्थ अनुराग वत्स ने भी इस बात की पुष्टि मीडिया से की थी। इसी आधार पर पूछताछ और धर्मपाल के कॉल डिटेल के खंगालने के बाद पुलिस को उस तक पहुंचने में एक दिन भी ठीक से नहीं लगा।
गिरफ्तारी में इनका रहा योगदान
एसओ चिनहट अंजनी कुमार पांडेय, एसएसआई विनय कुमार सिंह, एसआई महेश चन्द्र पांडेय, एसआई अशोक कुमार सिंह, एसआई मनीष कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल इन्द्रजीत सिंह निजामुद्दीन सचिन कुमार आदि।
यह भी पढ़े- लाशों के लिए मुर्दा हुआ KGMU प्रशासन, 20 महीने में सड़ चुके हैं 3 हजार शव