आरयू वेब टीम। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का बुधवार को राहुल गांधी ने आगाज कर दिया है। साल 2024 के आम लोकसभा चुनाव को देखते हुए कन्याकुमारी से पार्टी की इस यात्रा को हरी झंडी दिखाई गई। 3,570 किलोमीटर के इस पैदल मार्च को 150 दिनों में पूरा किया जाएगा और इसका अंतिम पड़ाव कश्मीर होगा।
आज कन्याकुमारी में राहुल गांधी ने कहा कि मुझे तमिलनाडु आकर बहुत खुशी होती है। आजादी के इतने साल बाद भी सिर्फ कांग्रेस ही नहीं भारत के करोड़ों लोग भारत जोड़ो यात्रा की जरूरत महसूस कर रहे हैं। कुछ लोग झंडे को देखते हैं तो झंडे में तीन रंगों और चक्र को देखते हैं, लेकिन सिर्फ यह इतना ही नहीं है , यह इससे कहीं बढ़कर है। यह झंडा इतनी आसानी से हमें नहीं मिला।
राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि आज भाजपा की सरकार में हर एक संस्था खतरे में है। वो इस झंडे को अपनी नीजि संपत्ति समझते हैं। मुश्किल यह है कि वो भारतीय लोगों को समझ नहीं पा रहे हैं। इस दौरान ईडी की पूछताछ का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वो कितने घंटे इंटोरेगेशन कर लें, एक भी विपक्ष का नेता नहीं डरने वाला है।
साथ ही आगे कहा, ”भाजपा सोचती है कि वो इस देश को धार्मिक, भाषा के आधार पर बांट सकते हैं, जो नहीं हो सकता। यह देश हमेशा यूनाइटेड रहेगा। भारत आज सबसे बुरी आर्थिक क्राइसिस के दौर में है।”
वहीं सोनिया गांधी भी इसे लेकर खासी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि ”यह गौरवशाली विरासत वाली हमारी महान पार्टी के लिए ऐतिहासिक अवसर है। मुझे उम्मीद कि यह हमारे संगठन के लिए संजीवनी का काम करेगा।”
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वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने अपने पिता के स्मारक पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि की और प्रार्थना सभा में शामिल हुए। कांग्रेस नेता ने अपने पिता के स्मारक स्थल पर एक पौधा भी रोपा। कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के एस अलागिरि और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उनके साथ थे।
गौरतलब है कि तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में तीन दशक पहले एक चुनावी रैली के दौरान आत्मघाती हमला कर राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। राहुल जनसभा से पहले कन्याकुमारी के ‘गांधी मंडपम’ में एक प्रार्थना सभा में शामिल हुए। इसके बाद उन्हें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राष्ट्र ध्वज सौंपा।
यात्रा शुरू करने से पहले राहुल कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल, तिरुवल्लुवर स्टैच्यू और कामराज मेमोरियल भी गए। पदयात्रा 11 सितंबर को केरल पहुंचेगी और अगले 18 दिनों तक राज्य से होते हुए 30 सितंबर को कर्नाटक पहुंचेगी।