आरयू वेब टीम। वर्ल्ड बैंक ने नए वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले देश की जीडीपी 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान था। वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2023-2024 में खपत में सुस्ती की वजह से भारत की जीडीपी कम होकर 6.3 प्रतिशत का अनुमान है।
गौरतलब है कि अक्टूबर 2022 में वर्ल्ड बैंक ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। इसी प्रकार इस वित्तीय वर्ष भी वर्ल्ड बैंक ने रिपोर्ट जारी कर भारत की सकल घरेलू उत्पाद .3 कम रहने का अनुमान जताया है। वर्ल्ड बैंक ने खपत में सुस्त वृद्धि और चुनौतीपूर्ण बाहरी परिस्थितियों के कारण विकास दर के बाधित होने की भी आशंका जताई है।
वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि महंगा कर्ज और स्लो इनकम की वजह से निजी उपभोग की बढ़ोतरी पर असर पड़ेगा। साथ ही कोरोना महामारी से जुड़ी राजकोषीय उपायों को लाने के कारण सरकारी खपत में भी धीमी वृद्धि का अनुमान है। रिपोर्ट में चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 24 में कम होकर 2.1 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है, जो बीते वित्त वर्ष में .3 प्रतिशत थी।
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वर्ल्ड बैंक ने इंडिया डेवेलेपमेंट अपडेट रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत का विकास लचीला रहेगा, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था महामारी के बाद सुधार के रास्ते पर है, लेकिन वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं।
वहीं, वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में महंगाई को 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत थी, लेकिन इस वित्त वर्ष महंगाई कम होगी। बैंक ने रिपोर्ट में 5.2 फीसदी रिपोर्ट होने की संभावना जताई गई है।