आरयू वेब टीम। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठाएं हैं। साथ ही चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर भी निशाना साधते हुए राहुल ने इसे ब्लैक बॉक्स बताया और कहा कि भारत जैसे देश में किसी को भी इसकी जांच करने की अनुमति नहीं है।
राहुल गांधी ने एक्स पर दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलॉन मस्क की एक्स पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए एक अखबार का हवाला देकर कहा, “भारत में ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है। किसी को भी इनकी स्क्रूटनी करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।”
राहुल गांधी ने जिस खबर को शेयर करके यह पोस्ट किया है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है वनराई पुलिस को अभी तक की जांच में रविंद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर के खिलाफ कई सबूत मिले हैं। मंगेश मंडिलकर पर आरोप है कि उसी ने ईवीएम में गड़बड़ी की जिसके बाद मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से वायकर को 48 वोटों से जीत मिली। आरोप है कि मंगेश वोटों की गिनती के दौरान जो फोन इस्तेमाल कर रहा था वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से जुड़ा था।
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पुलिस ने कहा है कि इस मोबाइल फोन का इस्तेमाल ईवीएम मशीन को अनलॉक करने वाले ओटीपी को जनरेट करने के लिए किया गया था। इस टेक्निक का इस्तेमाल चार जून को नेस्को सेंटर के अंदर किया गया था। वनराई पुलिस ने आरोपित मंगेश पंडिलकर और दिनेश गुरव को सीआरपीसी 41ए का नोटिस भी भेजा, जो चुनाव आयोग (ईसी) के साथ एनकोर (पोल पोर्टल) ऑपरेटर था। पुलिस ने अब मोबाइल फोन को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में भेज दिया है, ताकि मोबाइल फोन का डेटा पता लगाया जा सके और फोन पर मौजूद फिंगरप्रिंटृ भी लिए जा रहे हैं।