आरयू इंटरनेशनल डेस्क।
भारतीय टीम ने आज न्यूजीलैंड में अंडर-19 वर्ल्ड कप का फाइनल जीतकर सबसे ज्यादा चार बार वर्ल्ड कप चैंपियन बनने का रेकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। फाइनल में उसने ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट से हराया। इससे पहले भारतीय टीम ने 2000, 2008 और 2012 में अंडर-19 वर्ल्ड कप खिताब जीता था।
ऑस्ट्रलियाई टीम के कप्तान जैसन सांघा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन उनका यह फैसला गलत साबित हुआ उनकी पूरी टीम भारतीय गेंदबाजों का सामना करते हुए 47.2 ओवर में महज 216 रन पर ही पवेलियन लौट गयी। लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंडियन टीम ने 38.5 ओवर में मात्र दो विकेट गंवाकर 220 रन बनाकर खिताब जीत लिया। मनजोत कालरा 101 और हार्विक देसाई 47 रन बनाकर नॉटआउट रहे।
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ऑस्ट्रेलिया की तरफ से सर्वाधिक रन जोनाथन मर्लो ने बनाए। उन्होंने 76 रनों की पारी खेली। मर्लो ने परम उप्पल (34 रन) के साथ 75 रन की भागीदारी की। भारत की तरफ से इशान पोरेल, कमलेश नागरकोटी, अनुकूल रॉय और शिवा सिंह ने दो-दो विकेट लिए। पोरेल ने ऑस्ट्रेलिया के दोनों सलामी बल्लेबाजी को पवेलियन का रास्ता दिखाया।
वहीं भारत की तरफ से कप्तान पृथ्वी शॉ और मनजोत कालरा ने टीम को जबरदस्त शुरुआत दिलाई। भारत का पहला विकेट 71 रनों के योग पर कप्तान पृथ्वी शॉ के रूप में गिरा। शॉ ने 41 गेंदों पर 29 रन बनाए। शुभमन गिल ने चार चौकों की मदद से 31 गेंद पर 30 रन की पारी खेली। मनजोत कालरा ने शतकीय पारी खेली, जबकि विकेट कीपर बल्लेबाज हार्विक देसाई ने 47 रनों की पारी खेली।
सलामी बल्लेबाज मनजोत कालरा ने फाइनल मैच में शतक लगाकर इंडिया की जीत को सुनिश्चित किया। कालरा ने 102 गेंदों पर 101 रन की पारी खेली। अपनी पारी में उन्होंने तीन छक्के और आठ चौके लगाए। शुभमन गिल के आउट होने के बाद कालरा ने 89 रनों की भागीदारी देसाई के साथ की।
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