आरयू वेब टीम।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससीएसटी एक्ट में किए गए बदलाव के विरोध में देश भर में सड़कों पर उतरें दलित संगठनों के भारत बंद के आह्वान पर उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हिंसा भड़क उठी है। हिंसक प्रदर्शन के दौरान देश भर में दस लोगों के मौत की खबर है।
वहीं जगह-जगह से आगजनी, तोड़फोड़ और बवाल की सूचनाएं सुबह से लेकर रात तक आती रहीं। यूपी के मेरठ में जहां प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस चौकी फूंक दी। वहीं मध्य प्रदेश के मुरौना में गोली लगने से एक युवक की मौत हो गयी। मध्य प्रदेश में हिंसा के दौरान सबसे ज्यादा पांच लोगों की जानें चली गयी।
जबकि हिंसा के दौरान ग्वालियर में भी दो अन्य लोगों की मौत हो गयी। इसके अलावा राजस्थान के अलवर और यूपी के मुज्जफरपुर में भी एक-एक प्रदर्शनकारी की गोली लगने से मौत हो गयी है। ग्वालियर में हिंसा के बाद चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया। हिंसक प्रदर्शन के दौरान देशभर में सैकड़ों लोग घायल हो गए। जबकि एक अनुमान के अनुसार हजारों वाहन भी हिंसा की भेंट चढ़ गए। कहीं रास्ता रोका गया तो कहीं रेल।
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वहीं पंजाब सरकार ने बस और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रखने का आदेश दिया, जबकि सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहने के लिये कहा गया।
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पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों पर लगाम लगाने के मद्देनजर रात 11 बजे तक राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी। साथ ही किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्य में बंद के दौरान सार्वजनिक एवं निजी परिवहन की सेवाएं निलंबित कर दी गयी हैं। बैंक भी बंद रहेंगे। दूसरी ओर भारत बंद के दौरान बिहार समेत अन्य राज्यों में भी सोमवार को हिंसक घटनाएं हुई हैं। कुल मिलाकर आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, गुजरात, झारखंड व महाराष्ट्र रहा।
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