सम्‍मान नहीं, संत रविदास मंदिर में कांग्रेस-भाजपा करती है नाटकबाजी, सत्ता में आने पर बसपा बदलेगी भदोही का नाम: मायावती

रविदास पर राजनीत
मायावती। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। संत रविदास जयंती के मौके पर एक ओर जहां उनको मानने वाले उन्‍हें याद कर रहें हैं। वहीं दूसरी तरफ संत को लेकर भी राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविदास जयंती के मौके पर उन्‍हें याद करने के साथ ही कांग्रेस व भाजपा पर संत रविदास के नाम पर नाटकबाजी करने का आरोप लगाया है।

आज मायावती ने कहा कि कांग्रेस, भाजपा व अन्य पार्टियां उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के दौरान संत गुरु रविदास को कभी भी मान-सम्मान नहीं देती हैं, लेकिन सत्ता से बाहर होने पर फिर ये अपने स्वार्थ में रविदास मंदिर व अन्‍य स्‍थलों पर जाकर किस्म-किस्म की नाटकबाजी जरूर करती है, इनसे सर्तक रहे।

इस दौरान बसपा सुप्रीमो ने सपा को भी आज निशाने पर लेते हुए कहा कि सत्ता में आने पर बीएसपी सरकार द्वारा रखे गये भदोही जिले का नाम फिर से संत रविदास नगर रखा जायेगा, जिसे जातिवादी मानसिकता के तहत ही पिछली सपा सरकार द्वारा बदल दिया गया था।

एकमात्र बसपा ने दिया पूरा-पूरा मान-सम्मान

वहीं मायावती ने दावा करते हुए कहा कि बसपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने अपनी सरकार के समय में, संत रविदास को विभिन्न स्तर पर, पूरा-पूरा मान-सम्मान दिया है। जिसे भी अब विरोधी पार्टियां एक-एक करके खत्म करने में लगी है, जो अति निंदनीय है।

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रविवार को जारी अपने बयान में यूपी की पूर्व सीएम ने संत रविदास के अनुयाइयों को बधाई देते हुए कहा कि उनका संदेश धर्म को तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक सेवा व जनचेतना के लिए प्रयोग करने का था, जिसे वर्तमान में खासकर शासक वर्ग द्वारा भुला दिया गया है, जिस कारण देश विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त है।

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बताते चलें कि रविदास जयंती के मौके पर आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी स्थित संत रविदास मंदिर पहुंचीं। जहां उन्‍होंने दर्शन कर संत रविदास से आर्शीवाद लिया। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के कई नेताओं ने आज संत रविदास को याद किया है। इन सबके बीच मायावती ने बयान जारी करते हुए संत रविदास के अनुयाईयों से भाजपा व कांग्रेस के नेताओं से सर्तक रहने को कहा है। अब देखने वाली बात यह भी होगी कि कांग्रेस व भाजपा के नेता मायावती द्वारा शुरू की गयी इस जबानी जंग का किस तरह से जवाब देते हैं।

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