आरयू ब्यूरो,
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्थित बीएचयू में आज एक बार फिर जंगलराज चरम पर दिखा। यहां अपने साथी की गिरफ्तारी से नाराज छात्रों ने परिसर में जमकर तोड़फोड़, पथराव करने के साथ ही दिल्ली पब्लिक स्कूल की बस को भी आग के हवाले कर दिया। छात्रों के तांडव के बाद बीएचयू प्रशासन दोषी छात्रों पर कार्रवाई की बात कह रहा है।
बताया जा रहा है बिरला छात्रावास में रहने वाले समाजवादी छात्रसभा के नेता आशुतोष सिंह की आज गिरफ्तारी होते ही उसके साथी भड़क गए। छात्रों ने पहले यूनिवर्सिटी के गेट पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। बात नहीं बनी तो गेट को बंद करते हुए परिसर में जमकर तांडव मचाया।
चेहरा ढककर नकाबपोश बने सैकड़ों छात्रों ने लाठी-डंडे से वाहन तोड़ना शुरू करने के साथ ही दूसरे गेटों को भी अंदर से बंद कर दिया। इस दौरान पुलिस-पीएसी के जवान गेट के बाहर ही खड़ें रहे, जबकि छात्रों के रौद्र रूप को देखकर बीएचयू के सुरक्षाकर्मियों की उनसे बोलने की हिम्मत नहीं हुई।
बेलगाम हुए छात्रों ने मेन गेट पर लगा सीसीटीवी कैमरा तोड़ने के साथ ही महिला महाविद्यालय चौराहा, सर सुंदर लाल अस्पताल गेट, चिकित्सा अधीक्षक आफिस जाने वाले रास्ते पर चार पहिया और दो पहिया वाहनों पथराव करने के साथ ही लाठी डंडे से उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया। इस दौरान छात्राओं समेत सामान्य छात्रों और अस्पताल आए तीमारदारों से लेकर मरीजों तक में दहशत का माहौल रहा। रास्ते में जो भी वाहन खड़े मिले उसे क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
बताते चलें कि करीब महीने भर पहले आशुतोष सिंह ने आईआईटी बीएचयू में डीजे नाइट को लेकर समर्थकों संग हंगामा किया था। उसके बाद आईआईटी निदेशक के फेसबुक अकाउंट से छात्रों के गाली गलौज का मामला सामने आया था।
वहीं आशुतोष पर बीएचयू अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के साथ फोन पर गाली गलौज को लेकर भी मुकदमा दर्ज हुआ था। क्षेत्राधिकारी भेलुपुर एपी सिंह ने मीडिया को बताया कि आशुतोष के खिलाफ कुल तीन मामले दर्ज है। कोर्ट ने उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी किया था। जिसके बाद बुधवार को उसकी गिरफ्तारी की गयी।
यह भी पढ़ें- BHU जा रहे राजबब्बर बनारस में गिरफ्तार, कांग्रेस ने कहा तानाशाही हो गई योगी सरकार
वहीं बाद में मुख्य गेट पर पहुंची चीफ प्राक्टर प्रो. रोयाना सिंह ने कहा कि उपद्रवी छात्रों पहचान कराकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। छात्रों ने अपना चेहरा छिपाकर घटना को गुरिल्ला युद्ध की तरह अंजाम दिया है। इसे किसी भी हाल में बरदाश्त नहीं किया जाएगा।